बेमौसम बारिश ने ईंट भट्टों पर भी मचाया कहर

बुलंदशहर: बेमौसम मई महीने में लगातार कई बार हुई बारिश ने ईंट भट्टों पर पथी हुई कच्ची ईंटों को मिट्टी में तब्दील कर दिया है जिले में भट्टे वालों का बीसियों करोड रुपए का नुकसान हुआ है
ईंट भट्टा संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष संजय गोयल का कहना है कि चुकीं कच्ची ईंट पथाई का कार्य खुले मैदान में होता है और कच्ची ईंटें खुले में ही रखी रहती हैं सूखने पर भट्टे में पकने के लिए लाई जाती है लेकिन उससे पहले ही बरसात ने कच्ची ईंटों को मिट्टी में तब्दील कर दिया है जिससे भट्टे वालों का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है एनसीआर में नियमानुसार चूंकि एक मार्च से तीस जून केवल चार महीने ही भट्टे चलने का आदेश है तो अब दोबारा ईंट बनाकर भट्टे में लाकर पकाने का समय भी नहीं रहा है संजय गोयल ने कहा कि मुंशी मुनीम चौकीदार सेलटैक्स रॉयल्टी भट्टा जमीन ऑफिस किराया बिजली का बिल भट्टे वालों को पूरे बारह महीने के देने पड़ते हैं अब बारिश के चलते चार महीने में भी मात्र तीन महीने का उत्पादन होने से ईंटों की लागत दोगुनी हो गई है एनसीआर से बाहर से इलीगल तरीके से बिक्री के लिए लाई गई ईटों से एनसीआर के भट्टा स्वामी पहले ही बहुत पीड़ित थे रही सही कसर इस बारिश ने पूरी कर दी
ईंट भट्टा संघर्ष समिति के सचिव हरिओम शर्मा का कहना है कि हम सरकार से मांग करते हैं कि हमें जीएसटी और रॉयल्टी में पचास प्रतिशत की छूट दी जाए
वहीं समिति के प्रभारी राघवेंद्र सिंह का कहना है कि पूरे प्रदेश में ईंट उत्पादन का एक ही नियम हो जिससे ईंट बनाने के लिए हमें भी पर्याप्त समय मिल सके एनसीआर में ईंट बनाने का समय ही नहीं रह पाता है और खर्च हमें बारह महीने के देने होते हैं समिति के कोषाध्यक्ष अमित गुप्ता का कहना है कि कम उत्पादन के चलते बिक्री के रेट भी होंगे प्रभावित अब मकान बनाना हो जाएगा महंगा,