शारदा विश्वविद्यालय में फिजियोथेरेपी पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
ग्रेटर नोएडा:शारदा विश्वविद्यालय और मायरा फाउंडेशन के सहयोग से तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में देश विदेश के लगभग 1500 फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर ने प्रतिभाग किया। इसमें 50 विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि शामिल हुए। यूजी, पीजी, पीएचडी विद्वानों और पेशेवरों द्वारा पेपर प्रस्तुतियों के साथ एक वैज्ञानिक सत्र हुआ। इस दौरान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं ने रोगी की बेहतर देखभाल के लिए फिजियोथेरेपी प्रथाओं, तकनीकों और प्रौद्योगिकियों में प्रगति पर प्रकाश डाला। गर्दन के दर्द और रेडिकुलोपैथी पर केंद्रित एक विशेष चिकित्सा शिविर लगाया गया।
शारदा अस्पताल के डॉ मयंक शुक्ला ने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य ज्ञान के आदान-प्रदान, अनुसंधान चर्चा और समुदाय को बढ़ावा देना है। स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों का समाधान करने के लिए फिजियोथेरेपी पेशेवरों के बीच वैश्विक सहयोग और ज्ञान साझा करने की सुविधा प्रदान करना। वक्ताओं ने रोगी की बेहतर देखभाल के लिए फिजियोथेरेपी प्रथाओं, तकनीकों और प्रौद्योगिकियों में प्रगति पर प्रकाश डाला। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) उद्योगों को नया आकार दे रहा है, और स्वास्थ्य सेवा इसका अपवाद नहीं है। निदान सटीकता बढ़ाने से लेकर उपचार योजनाओं को अनुकूलित करने तक,एआई चिकित्सा देखभाल के प्रति हमारे दृष्टिकोण को बदल देता है। एक क्षेत्र जिसमें जबरदस्त संभावना दिखाई दे रही है वह है फिजियोथेरेपी , जहां एआई मूल्यांकन को स्वचालित करने, उपचारों को वैयक्तिकृत करने और समग्र रोगी परिणामों को बेहतर बनाने में मदद कर रहा है। एआई अधिक कुशल निदान और उपचार की अनुमति देता है, जिससे स्थितियों की पहचान और उपचार के लिए आवश्यक समय और प्रयास में काफी कमी आती है। इस बेहतर दक्षता से रोगियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं दोनों को लाभ होता है।
उन्होंने बताया कि कार्यशालाओं, चर्चाओं और विशेषज्ञ के नेतृत्व वाले सत्रों के माध्यम से कौशल वृद्धि और टिकाऊ, समावेशी और नवीन फिजियोथेरेपी प्रथाओं के लिए एक साझा वैश्विक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना।