घरभरा गांव में एक दिवसीय जागरूकता शिविर और आउटरीच गतिविधि का आयोजन

ग्रेटर नोएडा“सात दिवसीय शिविर में घरबरा गांव, ग्रेटर नोएडा में एनएसएस यूनिट III और स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी द्वारा एंटीबायोटिक प्रतिरोध क्षमता और संक्रामक रोग जागरूकता कार्यक्रम”।
स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी ने वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व (Scientific Social Responsibility) के सिद्धांतों के अंतर्गत, स्वास्थ्य और स्वच्छता के बीच संबंध पर प्रकाश डालते हुए, 25 फरवरी 2025 को जीबीयू के एन.एस.एस. सेल के सहयोग से गोद लिए गए गांव, घरभरा ग्रेटर नोएडा में एक दिवसीय जागरूकता शिविर और आउटरीच गतिविधि का आयोजन किया। डॉ. रेखा पुरिया, विभागाध्यक्ष, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और डॉ. जितेंद्र सिंह राठौड़ को विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित किया गया। उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि हम बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमणों से अपने आप को कैसे बचाएं, विशेषकर बच्चे और बूढ़े लोग और इसके लक्षणों पर शीघ्र उपचार के लिए चर्चा की। उन्होंने बताया कि अगर हम ध्यान न दें तो सूक्ष्मजीव कैसे बीमारियों को बड़ा रूप का कारण बन सकता है। साथ ही उन्होंने ये भी जानकारी दी की इन बीमारियों से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है। साथ ही, डॉ. राठौड़ ने ये भी बताया कि एंटीबायोटिक्स को किसी खुली जगह में नहीं छोड़ा जा सकता, ऐसा करने में और बैक्टीरिया को प्रतिरोध मिल सकता है। इस कार्यक्रम के दौरान, डॉ. नवीन कुमार ने ग्रामीणों को संक्रामक रोगों के दौरान डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का पूरा कोर्स करने के महत्व पर जोर दिया, उन्होंने समझाया कि दवा को बीच में छोड़ने से बैक्टीरिया में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो सकती है, जिससे भविष्य में संक्रमण का इलाज कठिन हो सकता है। डॉ. जे.पी. मुयाल, एन.एस.एस. समन्वयक, ने ग्रामीणों को सलाह दी कि यदि घर में किसी व्यक्ति को सर्दी या जुकाम हो, तो संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मास्क का अनिवार्य रूप से प्रयोग करें। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के एम.एससी. माइक्रोबियल बायोटेक्नोलॉजी के छात्र-छात्राएं एवं एन.एस.एस. के स्वयंसेवकों ने सक्रिय भागीदारी निभाई और कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। डॉ. नवीन कुमार और डॉ. विभावरी एन.एस.एस कार्यक्रम अधिकारियों ने इस शिविर का आयोजन करवाया, स्वयंसेवकों को घर-घर भेजा और ग्रामीणों को जागरूक करने की कोशिश की कैसे सूक्ष्मजीवों से छुटकारा पाएं और अंत में सबको धन्यवाद दिया।