सहजन से कुपोषण खत्म करने की कोशिश रंग ला रही- सुरेंद्र भाटी

बिलासपुर:रामपुर माजरा गांव के किसान सुरेंद्र भाटी सहजन पौधे लगाकर पेड़ में लगी फली से ग्रामीणों को जागरूक कर कुपोषण खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। ग्रामीणों को जागरूक कर बता रहे हैं कि सहजन की फली को सब्ज़ी के रूप में पकाकर खाया जा सकता है । इसके अलावा, इसे दाल में भी मिलाया जा सकता है. सहजन की फली को भूनकर मटर या मेवे की तरह भी खाया जा सकता है ।उन्होंने बताया सहजन के अलग-अलग हिस्सों का इस्तेमाल इस तरह किया जा सकता है: सहजन की पत्तियों को कच्चा, पाउडर या जूस के रूप में सेवन किया जा सकता है. सहजन की पत्तियों को पानी में उबालकर उसमें शहद और नींबू मिलाकर पिया जा सकता है. सहजन के पाउडर को दूध या पानी में मिलाकर पीया जा सकता है. सहजन के बीजों का सेवन भी किया जा सकता है.सहजन के बीजों का पाउडर खाली पेट पानी के साथ लिया जा सकता है. सलाद पर सहजन के बीजों का पाउडर छिड़का जा सकता है. स्मूदी, चटनी या दाल-चावल में सहजन के बीजों का पाउडर मिलाया जा सकता है ।
सुरेंद्र भाटी ने बताया कि सहजन की तासीर ठंडी होती है. आयुर्वेदाचार्य की सलाह अनुसार इसे आप अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं । किसी भी समस्या में इसका सेवन करने से पहले एक बार चिकित्सक की सलाह जरूर लें ,
रिपोर्ट घनश्याम पाल