एक सफल वकील या न्यायाधीश वही बन सकता है, जो हर तथ्य को ध्यान से सुनता और समझता है – जस्टिस राजेश बिंदल

ग्रेटर नोएडा:ग्रेनो के नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल लॉ में पहले श्री आनंद स्वरुप गुप्ता मेमोरियल लॉ लेक्चर सीरीज में पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस राजेश बिंदल इस दौरान उन्होंने अत्याधुनिक मूट कोर्ट का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि एक सफल वकील या न्यायाधीश वही बन सकता है, जो हर तथ्य को ध्यान से सुनता और समझता है। उन्होंने छात्रों को सतर्क रहकर सुनने, सोचने और तार्किक विश्लेषण विकसित करने की प्रेरणा दी। छात्रों को वैचारिक आधार बनाने के लिए पढने की आदत विकसित करने की प्रेरणा दी। उन्होंने युवाओं में ध्यान के अभाव की समस्या की बढ़ती समस्या पर भी प्रकाश डाला और डिजिटल संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग करने की सलाह दी। शिक्षकों, नीति निर्माताओं और छात्रों के एक समूह को संबोधित करते हुए, न्यायमूर्ति बिंदल ने एक ऐसा शिक्षा ढांचा बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया जो न केवल प्रतिभाओं के पलायन को रोके, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को भी भारत की ओर आकर्षित करे। शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ती भूमिका पर भी प्रकाश डाला और एआई पर अत्यधिक निर्भरता के प्रति आगाह किया। उन्होंने आगे कहा, हालांकि एआई हर क्षेत्र में बदलाव ला रहा है, हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम पूरी तरह से इस पर निर्भर न रहें, खासकर कानूनी व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एआई मानवीय निर्णय की जगह नहीं ले सकता, खासकर कानूनी फैसलों के मामले में। उन्होंने स्कूल ऑफ लॉ के मूट कोर्ट बारे में कहां ऐसा कोर्ट मैंने किसी और विश्वविद्यालय में नही देखा। उन्होंने संविधान में मौलिक कर्तव्य एक जिम्मेदारी बारे में भी बताया। इस दौरान छात्रों के प्रश्नों के जवाब भी दिए।
विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता ने छात्रों से कहा कि आप वकील नहीं बल्कि देश प्रहरी और रक्षक है। देश को आजाद करवाने में वकीलों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। वकील कभी रिटायर नही होता अन्य क्षेत्रों में काम करने की उम्र कि सीमा है। उन्होंने कहा कि तुलनात्मक विधि का अध्ययन छात्रों को वैश्विक स्तर पर सोचने और बहुआयामी कानूनी दृष्टिकोण अपनाने के लिए तैयार करता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के अंतरराष्ट्रीय मंच छात्रों की अकादमिक और व्यावसायिक क्षमताओं को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा शिक्षा विकास की आधारशिला है। आज यह आवश्यक है कि छात्र यह समझें कि शिक्षा नीतियाँ उनके भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। कोशिश करोगे तो कुछ भी असंभव नहीं है।
इस दौरान विश्वविद्यालय प्रो चांसलर वाइके गुप्ता, वाइस चांसलर सिबाराम खारा,प्रो वाइस चांसलर डॉ परमानंद, डीन डॉ श्रृषिकेश दवे, डीन रिर्सच डॉ भुवनेश कुमार, समेत विभिन्न विभागों डीन और एचओडी मौजूद रहे।