साहित्य जगत

साहित्य और कला मर्मज्ञ मा० न्यायमूर्ति सुधीर नारायण अग्रवाल को मिलेगा साहित्यरत्न पुरस्कार

साहित्यांजलि प्रकाशन प्रयागराज के तत्वावधान में मासिक बैठक एवं गोष्ठी संपन्न

प्रयागराज: साहित्यांजलि प्रकाशन की मासिक पत्रिका “साहित्यांजलि-प्रभा” के उपसंपादक वरिष्ठ साहित्यकार डा•योगेन्द्र कुमार मिश्र विश्वबन्धु के नीमसंराय काॅलोनी स्थित आवास पर पत्रिका निमित्त आहूत हुई बैठक में माह अगस्त की पत्रिका का विमोचन किया गया।बैठक में “साहित्यकार सत्कार आपके द्वार” योजना के अंतर्गत माननीय न्यायमूर्ति सुधीर नारायण को उनके साहित्यिक योगदान के लिए सम्मानित करने का निर्णय लिया गया ।

बैठक के साथ गोष्ठी में डा•योगेन्द्र कुमार मिश्र विश्वबन्धु की रचनाओं पर समालोचना करते हुए वरिष्ठ समालोचक डा•रामलखन चौरसिया ने कहा कि विश्वबन्धु का शब्द-संसार (कहानी-संग्रह) सरल-सुबोध और सुगम है जिनमें समसामयिक विषयों को निरूपित करने का सफल प्रयास है।कहानियों में भावनाओं का उद्वेलन पात्रों के दुर्गम जीवन-पथ का संघर्ष और सफलता उसकी जिजीविषा पाठक के अंतस में विविध संवेगों का आरोह-अवरोह उसकी सुरचिता में वृद्धि करता है।इसलिए कहानियां शब्दों के जाल में न उलझकर सीधे-सीधे पाठक के बुद्धि-विवेक से संवाद करती हैं। उन्होंनें कहा कि इन उपलब्धियों के होते हुए कहानीकार को अभी अपनी भाषा पर और श्रम करना चाहिए। सम्पादक डा•भगवान प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि विश्वबन्धु” की गीत-कविता-कहानी-लघुकथा-मुक्तक एवं नाटक की छः पुस्तकों का चार माह के अंदर प्रकाशित होने से प्रकाशन का गौरव बढ़ा है। साहित्यांजलि प्रभा के सह-संपादक एवं राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रवीन्द्र कुशवाहा तथा वरिष्ठ गीतकार शम्भूनाथ श्रीवास्तव शम्भु ने भी अपने सारगर्भित विचार प्रस्तुत किये।रेखा मिश्रा ने समस्त अतिथिगण का स्वागत एवं विश्वबन्धु” ने आभार प्रकट किया।

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