नोएडा

किसान एकता महासंघ ने क्षेत्रीय किसानों व गांवों की समस्याओं को लेकर नोएडा प्राधिकरण में की वार्ता

नोएडा : आज किसान एकता महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश कसाना व जिला अध्यक्ष अरविंद सेक्रेटरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने नोएडा प्राधिकरण में ओएसडी क्रांति शेखर से वार्ता की एवं ज्ञापन सोपा इस दौरान संगठन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी राजेंद्र चौहान ने बताया कि नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की स्थापना वर्ष 1976 में हुई थी नोएडा को औद्योगिक नगर के रूप में विकसित करने हेतु नोएडा प्राधिकरण ने इस क्षेत्र के किसानों की कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण किया था जिन किसानों की कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण किया गया अधिग्रहण के बाद वे सभी किसान व उसके यहां काम करने वाले भूमिहीन किसान सभी बेरोजगार हो गए व उचित मुआवजा न देकर प्राधिकरण और राज्य सरकार द्वारा भी उनके साथ न्याय नहीं हुआ क्योंकि महोदय अत्यंत न्याय प्रिय व्यक्तित्व के स्वामी है आपने किसानों की समस्याओं को बड़ी सूझबूझ द्वारा सुलझाने में सफलता प्राप्त करी है आप किसानो की पीड़ा और व्यवस्था से भली-भांति परिचित हैं साथ ही आप किसानों के प्रति अति संवेदनशील भी है नोएडा महानगर अध्यक्ष जयप्रकाश चौहान ने निम्नलिखित मुद्दों पर प्रकाश डाला 1997 से पूर्व यानी 1976 से 1997 के किसानों द्वारा निम्नलिखित मांग पत्र को सहानुभूति विचार करने व स्वीकार करने का आग्रह करते हैं।

मुख्य मांगे इस प्रकार है:-

1-आबादी के लिए 10% विकसित भूमि दी जाये।*

1997 से पूर्व जिन किसानों की कृषि योग्य भूमि अधिग्रहण की गई थी उन किसानों को भी उनकी कुल अधिग्रहण भूमि का 10% भूमि विकसित कर उनकी आबादी के लिए दी जाए।

2:-एक समान दर से मुआवजा राशि दी जाय(भेदभाव रहित)*

वर्ष 1976 से 1997 तक नोएडा प्राधिकरण ने भिन्न-भिन्न गांवों की कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण अलग-अलग दर से किया कुछ किसानो के द्वारा कम कीमत होने के कारण न्यायालय में अपील दायर की गई । माननीय उच्च न्यायालय ने उनके पक्ष में 297 रुपए प्रति गज के निर्णय कई गांवो (उदाहरणार्थ ककराला) के लिए करे हैं तथा उन्हें मुआवजा भी दिया गया है अतः आपसे निवेदन है कि जिन लोगों ने अज्ञानता वश या अन्य आर्थिक कारणों से न्यायालय अपील में नहीं जा सके या न्यायालय का रुख नहीं किया उनको भी एक समान नीति के तहत भेदभाव न रखते हुए 297 रुपए प्रति गज की दर से मुआवजा राशि वितरित की जाए।

3:-किसानों पर आश्रित भूमिहीनों को आवासीय भूखंड

भूमिहीन किसान व मजदूर जिनकी आजीविका किसानों के कारण चलती थी जैसे हरिजन,कुम्हार,नाई, धोबी,पाल,लोहार आदि परिवारों के सदस्यों को 50 वर्ग गज का आवासीय प्लाट दिया जाए।

4:-नौकरी में आरक्षण का लाभ

जिन किसानों की कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण रोजगार के नाम पर किया गया था अधिग्रहण से पीड़ित परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी दी जाए जो की नोएडा के लीज डीड में प्रावधान है लेकिन जनप्रतिनिधियों व प्रशासन के द्वारा किसानों को यह लाभ नहीं दिलवाया जा रहा है आप इसमें शासन स्तर पर सख्त कार्रवाई करने की कृपा करें वेंडर जोन में सभी दुकानें यहां के स्थानीय निवासियों को ही दी जाए जिससे सभी किसानों को रोजगार प्राप्त हो सके।

5:- शिक्षण एवं स्वास्थ्य संस्थानों में आरक्षण

प्राइवेट शिक्षण एवं प्राइवेट स्वास्थ्य संस्थानों में किसानों एवं गरीबों के लिए कोटा तय किया गया है लेकिन प्राधिकरण व प्रशासन कोटा के तहत किसानों एवं गरीबों के बच्चों का दाखिला/ईलाज करवाने के बजाय उन्हीं का उत्पीड़न कर रहे हैं जो की एक गंभीर विषय है अतः आप इसकी गोपनीय जांच करा कर कहां-कहां के किस किस संस्थान ने किसानों को इसका लाभ दिया या नहीं दिया पर एक एसआईटी गठित कर किसानों को उनका हक दिलवाने के लिए आवश्यक एवं कठोर कार्रवाई करने की कृपा करें।

6:-2011 आवासीय प्लांट योजना का निस्तारण

2011 आवासीय प्लाट योजना में 4500 के करीब आवेदक थे जिसमें से कुछ को ही प्लांट दे कर अन्य के साथ नाइंसाफी की जा रही है अतः सभी किसानों को आवासीय प्लाट देकर कृषक प्लॉट स्कीम 2011 का निस्तारण किया तथा सर्वप्रथम 2011 में किए गए आवेदनों का निस्तारण किया जाए ।

7:-गांव में पुरानी व जर्जर हो चुकी सीवर लाइनों को बदलवाकर नई सीवर लाइन डलवाई जाए।

8:-निठारी के बारात घर का पुनर्निर्माण जल्द से जल्द कराया जाए

9:-छलेरा बांगर गली नंबर 2 की क्षतिग्रस्त पुलिया का निर्माण जल्द से जल्द कराया जाए

10:- प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत आबादी का निस्तारण

1976 से 1997 तक के नोएडा प्राधिकरण के फाउंडर गांवो में आबादियों का बिना सर्वे कर बिना कोई आबादी नक्शा जारी करें बिना किसी प्रकार का भौतिक सत्यापन एवं भौतिक कब्जा किए बिना ही आबादियों का भी अधिग्रहण कर लिया गया था लेकिन उसके पश्चात भी किसी गांव की आबादी का नक्शा प्राधिकरण एवं प्रशासन द्वारा जारी नहीं किया गया जो कि आज भी गंभीर विषय है उन सभी गांवों का आबादी निस्तारण प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत किया जाना अति आवश्यक है जिसकी वजह से नोएडा प्राधिकरण द्वारा बिल्डर की आड़ में नोएडा प्राधिकरण के फाउंडर गांवो के मूल व्यक्तियों का आर्थिक एवं मानसिक उत्पीड़न किया जाता है।

जिस प्रकार नोएडा ग्रेटर नोएडा में तथा उत्तर प्रदेश के कई गांवों में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत कई गांवों की आबादियों का निस्तारण किया गया है तथा उन्हें कब्जा प्रमाण पत्र दिए गए हैं जो कि प्रधानमंत्री जी का ड्रीम प्रोजेक्ट भी है उसके तहत तथा अन्य मामलों को सहानुभूति द्वारा विचार करते हुए यहां के किसानों का उत्पीड़न रोकने हुए उनको सामाजिक न्याय की दृष्टि से देखते हुए उपरोक्त सभी लाभ दिलवाने की मांग की तेरह सूत्रीय माँगो को लेकर नोएडा प्राधिकरण में ओएसडी क्रांति शेखर से वार्ता कर ज्ञापन सौंपा गया ओएसडी ने सभी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द निस्तारण करने का आश्वासन दिया,

इस मौके पर इस मौके रमेश कसाना,राजेंद्र चौहान,पप्पू प्रधान, तेज सिंह अवाना, अमित नागर,अरविंद सेक्रेटरी रवि कुमार संदीप चौहान बलजीत हवलदार, रज्जाक ठेकेदार अर्जुन प्रजापति,अशोक गुर्जर,मोनू कसाना सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे,

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