शारदा विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा मे एमएसएमई मंत्रालय के बौद्धिक संपदा सुविधा केंद्र का उद्घाटन

ग्रेटर नोएडा:शारदा विश्वविद्यालय ने एमएसएमई मंत्रालय की नवीन (आईपीआर) योजना के तत्वावधान में एक बौद्धिक संपदा सुविधा केंद्र (शारदा-आईपीएफसी) की स्थापना की है। शारदा-आईपीएफसी बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित सभी मामलों में एमएसएमई को पूर्ण सहायता प्रदान करने हेतु एक उत्कृष्टता केंद्र बनने के दृष्टिकोण के साथ कार्य करेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य पेटेंट, डिज़ाइन, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और भौगोलिक संकेतों सहित उनकी संपूर्ण बौद्धिक संपदा की पहचान, कानूनी सुरक्षा और लाइसेंसिंग में पूर्ण सहायता प्रदान करना है।
शारदा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. सिबाराम खारा ने शारदा-आईपीएफसी की वेबसाइट भी लॉन्च की। आईपीएफसी की स्थापना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो उद्यमियों, छात्रों और शिक्षकों के बीच नवाचार, अनुसंधान और बौद्धिक संपदा जागरूकता को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को उजागर करती है। केंद्र का उद्देश्य नवप्रवर्तकों को उनके बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा करने और रचनात्मकता और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने में सहायता करना है।
डीन रिसर्च डॉ. भुवनेश कुमार ने कहा कि यह केंद्र न केवल स्थानीय MSMEs को उनके नवाचारों की सुरक्षा में मदद करेगा, बल्कि नवाचार, शोध और उद्यमशीलता की भावना को भी बढ़ावा देगा। शारदा-IPFC, बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट केंद्र बनने की दिशा की ओर अग्रसर हैl
भारत सरकार के राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी) के वरिष्ठ प्रबंधक डॉ. संजीव कुमार मजूमदार ने कहा किबौद्धिक संपदा सुविधा केंद्र, जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को बौद्धिक संपदा (IP) संरक्षण प्रदान करने में सहायता करने वाला एक संगठन है, या इंटरलाइन पावर फ्लो कंट्रोलर, एक विद्युत इंजीनियरिंग उपकरण जो AC पावर सिस्टम में विद्युत प्रवाह का प्रबंधन करता है। अन्य अर्थों में IPFC अकादमी, वित्त और लेखा के लिए एक ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करता है।
इस कार्यकर्म के दौरान प्रो वाइस चांसलर डॉ परमानंद, डॉ. अमित सहगल, डॉ. मोहित साहनी, प्रो. अविनाश कुमार, डॉ. मधुकर देशमुख, और फैकल्टी मेंबर्स आदि उपस्थित रहे l