ग्रेटर नोएडा

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी.) द्वारा एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का सफल आयोजन

ग्रेटर नोएडा:गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के मानवी की एवं सामाजिक विज्ञान संकाय द्वारा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी.) के सहयोग से एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफ.डी.पी.) का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का विषय था : “आईसीटी एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज फॉर टीचर्स, टीचर एजुकेटर्स एंड पुपिल टीचर्स”।

कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में शिक्षण क्षेत्र से जुड़े प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिनमें प्रो॰ शिरीष पाल सिंह (सीआईईटी, एन.सी.ई.आर.टी.), प्रो॰ हरजीत कौर भाटिया (जामिया मीलिया इस्लामिया, नई दिल्ली), प्रो॰ गौरव सिंह (सीआईईटी, एन.सी.ई.आर.टी.) तथा डॉ॰ जिप्सी मल्होत्रा (सीआईईटी, एन.सी.ई.आर.टी.) शामिल रहे।

संकाय अधिष्ठाता प्रोo बंदना पांडे ने अपने स्वागत संबोधन में इस प्रकार के शैक्षणिक कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि “आईसीटी और नई प्रौद्योगिकियों का प्रभावी उपयोग शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को अधिक सशक्त, रचनात्मक और समावेशी बना सकता है।” उन्होंने कार्यशाला की सफलता के लिए शुभकामनाएँ भी प्रेषित कीं।

आमंत्रित विशेषज्ञों का स्वागत एवं अभिनंदन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ॰ विश्वास त्रिपाठी तथा प्रो॰ वंदना पांडे के द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया गया।

कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों ने शिक्षण और अधिगम के विभिन्न आयामों पर अपने विचार साझा किए।

प्रो॰ शिरीष पाल सिंह ने डिजिटल एजुकेशन एंड इनिशियेटिव्स के अंतर्गत दीक्षा, ई-पाठशाला जैसे डिजिटल माध्यमों की जानकारी दी और इनके प्रयोग से शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने पर बल दिया।

प्रो॰ हरजीत कौर भाटिया ने ओपन एजुकेशनल रिसोर्सेज (OER) के महत्व और इसके विविध आयामों पर प्रकाश डालते हुए अपने सत्र को इंटरएक्टिव गतिविधियों द्वारा और अधिक रोचक बनाया।

प्रो॰ गौरव सिंह ने इंस्ट्रक्शनल डिजाइन के विभिन्न प्रकारों की चर्चा करते हुए शिक्षक-शिक्षा पाठ्यक्रमों में नवीन अनुदेशनात्मक प्रारूपों के समावेश की आवश्यकता बताई।

डॉ॰ जिप्सी मल्होत्रा ने पेडलेट, केनवा, रेंडरफॉरेस्ट जैसे आईसीटी टूल्स के प्रयोग पर चर्चा करते हुए अधिगम प्रक्रिया में विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के तरीकों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के अंत में डॉ॰ श्रुति कंवर, प्रवक्ता, शिक्षक एवं प्रशिक्षण विभाग, ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। मंच संचालन डॉ॰ रिया राज और सृजना जायसवाल, प्रवक्ता, अंग्रेज़ी एवं आधुनिक यूरोपीय भाषाएँ विभाग, द्वारा किया गया।

एक दिवसीय इस कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यशाला के सफल संचालन में मानवीकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के विभिन्न विभागों के प्रवक्ता गणों और शोधार्थियों का विशेष योगदान रहा।

यह कार्यक्रम शिक्षकों, शिक्षक-प्रशिक्षकों और भावी शिक्षकों के लिए नई तकनीकी प्रवृत्तियों और आईसीटी आधारित शिक्षण विधियों की समझ विकसित करने का एक महत्वपूर्ण मंच सिद्ध हुआ।

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