गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में “हरित ऊर्जा पदार्थ और प्रौद्योगिकी” पर एक सप्ताह का संकाय विकास कार्यक्रम हुआ संपन्न
ग्रेटर नोएडा:गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में “हरित ऊर्जा पदार्थ और प्रौद्योगिकी” पर 23 सितंबर से 27 सितंबर, 2024 तक निर्धारित एक सप्ताह का संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। संकाय विकास कार्यक्रम संयुक्त रूप से एप्लाइड फिजिक्स विभाग, स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज एंड एप्लाइड साइंसेज, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) (उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित), ग्रेटर नोएडा और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च (एनआईटीटीटीआर) चंडीगढ़ (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्थापित) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। ।
माननीय कुलपति प्रोफेसर आर.के. सिन्हा समापन सत्र के मुख्य अतिथि थे। डॉ। एप्लाइड फिजिक्स विभाग के प्रमुख आशीष कुमार केशरी ने माननीय कुलपति, स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज एंड एप्लाइड साइंसेज के डीन प्रो. एन पी मेलकानिया और एनआईटीटीटीआर की ओर से इस एफडीपी के समन्वयक प्रोफेसर पंकज शर्मा का पुष्प भेंट कर स्वागत किया।
डॉ आशीष कुमार केशरी एवं डॉ विवेक कुमार शुक्ला एप्लाइड फिजिक्स विभाग, गौतम बुद्ध विश्वविद्याल और डॉ. अशोक कुमार एवं प्रोफेसर पंकज शर्मा एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़, इस कार्यक्रम के समन्वयक थे। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय के आसपास एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित कॉलेजों और अन्य सरकारी संगठनों के 67 प्रतिभागियों ने इस संकाय विकास कार्यक्रम में भौतिक रूप से में भाग लिया।
इस एक सप्ताह के कार्यक्रम ने संकाय सदस्यों और शोधकर्ताओं को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अद्यतन ज्ञान और कौशल से सुसज्जित किया, स्थायी प्रथाओं और उन्नत तकनीकी समाधानों को बढ़ावा दिया। कार्यक्रम के द्वारा भौतिकी, रसायन विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, खाद्य प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और उद्योग के पेशेवरों के बीच नेटवर्किंग कर हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भविष्य में सम्भावित सहयोग और अनुसंधान सुनिश्चित किया गया विभिन्न विषयों के प्रतिभागियों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया प्रदान की, जिसमें शामिल विषयों की प्रासंगिकता और उनके शोध में हरित ऊर्जा अवधारणाओं को एकीकृत करने के महत्व पर जोर दिया गया।
विभिन्न प्रसिद्ध संगठनों के वक्ताओं ने हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकी में अद्यतन प्रगति और चुनौतियों पर अंतर्दृष्टि साझा की। सम्मानित वक्ताओं में डॉ अशोक कुमार, एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़, प्रोफेसर पंकज शर्मा, एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़, प्रो अश्वनी कुमार, एनआईटी कुरूक्षेत्र, डॉ सुनील सिंह कुशवाहा, प्रधान वैज्ञानिक, राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, नई दिल्ली, प्रो. सुशांत सिन्हा रॉय, शिव नादर विश्वविद्यालय, प्रो. सुनीता शर्मा, गलगोटिया विश्वविद्यालय, डॉ. अमरीश कुमार पंवार, दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, डाॅ. नेहा शर्मा, एमिटी यूनिवर्सिटी, प्रो. अनिल कुमार, दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और प्रो. प्रमोद कुमार सिंह, शारदा विश्वविद्यालय रहे । शामिल विषयों में ऊर्जा भंडारण के लिए नैनोमटेरियल, मिश्रित पदार्थ , हाइड्रोजन उत्पादन और अनुप्रयोग, हाइड्रोजन उत्पादन के लिए फोटो-इलेक्ट्रो-रासायनिक जल विभाजन, हरित ऊर्जा हेतु हाइड्रोजेल, सुपरकैपेसिटर, लीथियम और सोडियम आयन बैटरी, वैज्ञानिक पांडुलिपि लेखन और भारतीय ज्ञान प्रणाली शामिल रहे ।
इस संकाय विकास कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. विवेक कुमार शुक्ला के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ एफडीपी कार्यक्रम समाप्त हुआ। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन, आयोजन समिति, अनुसंधान विद्वान, सहायक और तकनीकी कर्मचारी-जिनकी कड़ी मेहनत से यह आयोजन संभव हो सका, उन सभी का ह्रदय से आभार व्यक्त किया।
आज के समापन सत्र में सभी प्रतिभागी और कुछ अतिथि उपस्थित रहे । मुख्य रूप से डॉ. भावना जोशी, डॉ. मनमोहन सिंह, डॉ. मौसमी पोहित, डॉ. वीनस डिल्लू , डॉ. सुदिष्ट कुमार, डॉ. आलेश कुमार, डॉ. रचना शर्मा, डॉ. उपमा सिंह, डॉ. जया मैत्रा सहित । डॉ. राजेश मिश्रा, डॉ. अनुराग सिंह बघेल, डॉ. एचसी ठाकुर, डॉ. विमलेश कुमार, डॉ. जसवेंद्र त्यागी, डॉ. आरबी सिंह, डॉ. ओमवीर सिंह, डॉ. आशा पांडे, डॉ. नितिन सोनकर, डॉ. महेश कुमार, डॉ. ज्योति सिंह, डॉ. विनीत शर्मा, डॉ. कोमल, डॉ शिव शंकर, श्री रवींद्र, सुश्री शिवांगी, श्री मानव कुमार शर्मा, सुश्री रेखा कुमारी, सुश्री ज्योति, श्री प्रवीण शामिल रहे।