ग्रेटर नोएडा

सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र:लगभग एक अरब रुपए से होगी कायापलट

ग्रेटर नोएडा:वर्षों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित सिकंदराबाद (बुलंदशहर) औद्योगिक क्षेत्र की कायापलट करने के लिए उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) द्वारा प्रयास तेज कर दिए गए हैं।हाल ही में 12 करोड़ रुपए की लागत से जहां सड़कों का निर्माण कराया गया है वहीं लगभग 75 करोड़ रुपए के टेंडर जारी कर सड़कों और ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने की तैयारी है।
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास निगम से प्राधिकरण बने यूपीसीडा की कार्यशैली में आमूलचूल बदलाव आ रहा है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी के द्वारा यूपीसीडा द्वारा विकसित सभी क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति की रिपोर्ट तलब की जा रही है। इसी क्रम में वर्षों से गड्ढों में तब्दील सड़कों और ड्रेनेज सिस्टम न होने की समस्याओं से आजिज आ चुके सिकंदराबाद (बुलंदशहर) औद्योगिक क्षेत्र की कायापलट की जा रही है। प्राधिकरण के वर्क सर्किल-8 के वरिष्ठ प्रबंधक सिविल ए के जैन ने बताया कि सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में हाल ही में 12 करोड़ रुपए की लागत से 12 किलोमीटर सड़कें बनाई गई हैं। इसके साथ ही 12 करोड़ रुपए और 63 करोड़ रुपए के दो टेंडर और जारी किए गए हैं।इन टेंडरों के माध्यम से समूचे औद्योगिक क्षेत्र में सड़कों और ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण कराया जाएगा। ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण प्री कास्ट तकनीक से किया जाएगा। प्लांट में तैयार नाली के टुकड़ों को साइट पर लाकर जोड़ दिया जाएगा। इससे निर्माण कार्य की उच्च गुणवत्ता बनाए रखने तथा तेजी से काम पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी के निर्देश पर सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में सड़क व ड्रेनेज सिस्टम को तैयार करने के लिए आईआईटी दिल्ली से सर्वप्रथम सर्वे कराया गया। तत्पश्चात ड्रेन्स की आवश्यकता तथा मजबूती के लिए हाइड्रोलिक डिजाइन व स्ट्रक्चरल डिजाइन तैयार कराया गया है। भारी मालवाहक वाहनों के आवागमन तथा पानी से सड़क टूटने के मद्देनजर आवश्यकतानुसार काली सड़कों तथा इंटरलॉकिंग टाइल्स की सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र को बसे लगभग चार दशक हो गये हैं।14 सौ एकड़ में स्थापित इस औद्योगिक क्षेत्र में वर्तमान में 1181 औद्योगिक इकाइयां पूरी तरह संचालित हैं। इनमें कजारिया,ओरिएं बेल जैसी दर्जनों राष्ट्रीय महत्व की औद्योगिक इकाइयां तो हैं ही हजारों मध्यम और लघु इकाइयां भी हैं। इनमें बीस हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है वहीं सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व भी मिलता है। जीटी रोड पर स्थित इस औद्योगिक क्षेत्र की ओर नोएडा ग्रेटर नोएडा में जमीनों की आसमान छूती कीमतों तथा औद्योगिक गतिविधियों के बढ़ने से औद्योगिक इकाइ लगाने के इच्छुक उद्यमियों का रुझान बढ़ा है। न्यू नोएडा के आगमन की आहट से भी इस औद्योगिक क्षेत्र की ओर लोगों का ध्यान गया है।परंतु नोएडा ग्रेटर नोएडा के मुकाबले मूलभूत सुविधाएं न होने से यह क्षेत्र अभी तक पिछड़ा हुआ था।

रिपोर्ट राजेश बैरागी स्वतंत्र पत्रकार

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