ग्रेटर नोएडा

गलगोटिया विश्वविद्यालय और एचबीटीयू कानपुर के संयुक्त तत्वावधन में बायोमटेरियल्स और टिशू इंजीनियरिंग में नवाचारों पर दो दिवसीय ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन

ग्रेटर नोएडा:गलगोटिया विश्वविद्यालय में 6 दिसंबर को बायोमैटेरियल्स और टिशू इंजीनियरिंग में हालिया नवाचार (ICRIBTE-2024) विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी  का उद्घाटन किया गया। इस संगोष्ठी का उद्देश्य दुनियाभर के प्रमुख शोधकर्ताओं और अकादमिक विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर विचार मंथन करना था। कार्यक्रम का आयोजन गलगोटिया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के जैव प्रौद्योगिकी विभाग और हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू), कानपुर के रसायन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।इसमें 50 से अधिक संस्थानों का प्रतिनिधित्व करते हुए 196 प्रतिभागियों ने भाग लिया। सम्मेलन में 60 मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियाँ दी गईं और दक्षिण कोरिया, स्पेन, जापान, अमेरिका, और भारत के प्रमुख वक्ताओं ने बायोमटेरियल्स और टिशू इंजीनियरिंग में नवीनतम प्रगति पर अपने-अपने विचार साझा किए।

इस अवसर पर गलगोटिया विश्वविद्यालय  के कुलाधिपति, श्री सुनील गलगोटिया ने एचबीटीयू कानपुर के साथ  अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी की मेजबानी पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने बहु-विषयक अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और इसे वैश्विक वैज्ञानिक प्रगति को बढ़ाने और बायोमटेरियल्स और टिशू इंजीनियरिंग में प्रभावशाली सहयोगों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताया।

विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने संगोष्ठी की मेजबानी के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने इसे जैव प्रौद्योगिकी, चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा में नवीन समाधानों को सक्षम बनाने वाले अनुसंधान-केंद्रित  मुद्दों को प्रोत्साहित करने में विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को महत्वपूर्ण बताया।

संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ. गौरव कुमार ने विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग और इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (IIC) का परिचय दिया। एचबीटीयू कानपुर के रसायन विभाग की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सम्मेलन के संयोजक डॉ. संतोष कुमार, ने भी अपनी बात रखी।

प्रो. आशीष कपूर (एचबीटीयू), और प्रो. मनोज कुमार (एचबीटीयू) ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया। उद्घाटन सत्र के दौरान, सम्मेलन के संरक्षकों द्वारा एक स्मारक स्मारिका का विमोचन भी किया गया। एचबीटीयू कानपुर के कुलपति, प्रो. दीपतीक परमार, ने अध्यक्षीय संबोधन दिया।

विश्वविद्यालय 6 और 7 दिसंबर तक चलने वाले इस दो दिवसीय संगोष्ठी में क्रमशः पांच देशों  दक्षिण कोरिया, स्पेन, जापान, अमेरिका और भारत के प्रख्यात वक्ताओं की मेजबानी करेगा। इस संगोष्ठी को कुल चार तकनीकी सत्रों में बांटा गया है। जिसमें नौ विशिष्ट अध्यक्षों द्वारा चर्चाएं आयोजित की जाएंगी।सम्मेलन में प्रमुख वक्ता और आमंत्रित वक्ता अपने शोध साझा करेंगे, जिनमें शामिल हैं:

प्रो. विपिन सी. कालिया (कोंकुक यूनिवर्सिटी, दक्षिण कोरिया)
प्रो. प्रलय मैती (आईआईटी बीएचयू) प्रो. सुंदर मडिहल्ली (ओक्लाहोमा स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए) डॉ. शंभवी पांडे (IQS, स्पेन) प्रो. मुकेश गुप्ता (आईसीएमआर-नार्फबीआर, हैदराबाद) प्रो. देवदत्त चतुर्वेदी (महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी, बिहार) प्रो. श्याम एस. पांडे (क्यूशु इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जापान) प्रो. जॉयदीप दत्ता (एमिटी यूनिवर्सिटी, हरियाणा) प्रो. मार्शल धायल (आईआईटी दिल्ली) प्रो. संजीव कुमार महतो (आईआईटी बीएचयू) प्रो. अमित के. चतुर्वेदी (जे.एस. यूनिवर्सिटी, शिकोहाबाद)।

 

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