‘हम हिन्दी भाषा के माध्यम से एक हैं पर हममें (डायवर्सिटी) विविधता है, यही हमारी ताकत है’ – प्रो. बंदना पाण्डेय
ग्रेटर नोएडा: गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा एवं साहित्य विभाग, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय द्वारा आयोजित हिन्दी-सप्ताह का आखिरी दिन रहा । इस अवसर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सचिवालय के उपनिदेशक श्री विपिन कुमार उपस्थित रहें तथा अध्यक्षता गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवीन्द्र कुमार सिन्हा ने किया ।
मुख्य अतिथि श्री विपिन कुमार ने ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में हिन्दी भाषा : अवसर और चुनौतियाँ’ विषय पर व्याख्यान देते हुए अपने गत 28 साल के अनुभवों के आधार पर हिन्दी भाषा में किए जा रहे कार्यों में चुनौतियों को साझा किया कि किस प्रकार इन चुनौतियों से निपटने के लिए मशीन अनुवाद तकनीक को विकसित करने और इसका उपयोग करने में इनकी भूमिका रही । आगे उन्होंने हिन्दी के विधायी (विधिक) भाषा, प्रशासनिक भाषा तथा बोलचाल की भाषा में अंतर बताते हुए कहा कि पेनाल्टी शब्द के लिए प्रशासनिक एवं बोलचाल की भाषा में जुर्माना या दण्ड शब्द प्रचलित है, किंतु विधायी शब्दावली में शास्ती शब्द का प्रयोग करते हैं । इसी के साथ उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में हिन्दी में रोजगार के अवसरों की विस्तृत चर्चा की ।
कुलपति प्रो. रवीन्द्र कुमार सिन्हा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में हिन्दी के विस्तार के अंतर्गत तकनीकि में प्रयोग होने वाले शब्द-विन्यास पर चर्चा करते हुए कहा कि वैज्ञानिकों को हिन्दी में शिक्षा प्रदान करना और टाइपिंग आदि सिखाना हिन्दी के विस्तार में सहायता प्रदान करेगी । अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो. एन.पी.मलकानिया ने कहा कि भाषा अपनी संस्कृति को अभिव्यक्त करती है । गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी ने हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ दीं ।
मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता एवं भारतीय भाषा एवं साहित्य विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. बंदना पाण्डेय ने सभा को संबोधित किया कि ‘यह भाषा हमारी माँ है और जब माटी की सुगंध में खुद को रचा तब मैंने प्रेमचंद, जयशंकर, महादेवी को जाना । उन्होंने उत्तर भारत एवं दक्षिण को एक सूत्र में बाँधने वाली भाषा की विशेषताओं पर बल देते हुए कहा कि विविधता में एकता भारत की विशेषता है, यह हम सभी जानते हैं, पर हम हिन्दी भाषा के माध्यम से एक है और हममें डायवर्सिटी (विविधता) है, यही हमारी ताकत है’ ।
इस कार्यक्रम की संयोजक डॉ. विभावरी ने विभाग का विस्तृत परिचय दिया, डॉ. प्रियंका सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा डॉ. दिवाकर गरवा ने धन्यवाद ज्ञापन किया । इस कार्यक्रम में भारतीय भाषा एवं साहित्य विभाग के अन्य फेकल्टी डॉ. ओबैदुल गफ्फार, डॉ. आसिफ खान, डॉ. रेहाना सुल्ताना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी । हिन्दी सप्ताह के अंतर्गत आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में विजेताओं को पुरस्कृत किया गया ।
इस अवसर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. मनमोहन सिसोदिया, डॉ. सुमित्रा हुइड्रोम, डॉ. राकेश श्रीवास्तव, डॉ. ओमवीर, डॉ. पंकज, संदीप राणा, डॉ. ज्ञानादित्य शाक्या, डॉ. सुभोजित बनर्जी सहित विश्वविद्यालय के शैक्षिक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से इस कार्यक्रम को सफल बनाया ।