गलगोटियास यूनिवर्सिटी में एक प्रभावशाली हैकथॉन और ओरिएंटेशन सत्र का किया गया आयोजन
ग्रेटर नोएडा:यह आयोजन गलगोटियाज यूनिवर्सिटी के पॉलिटेक्निक विभाग और व्योम संस्था के सहयोग के साथ-साथ राष्ट्रीय लघु उद्योग विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) और (राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास बोर्ड भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय) के संयुक्त प्रयास से किया गया।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों में नवाचार, समस्या-समाधान कौशल, टीम वर्क और उद्यमशीलता की सोच को बढ़ावा देना था। साथ ही साथ छात्रों को राष्ट्रीय लघु उद्योग विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) द्वारा संचालित एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम (ईडीपी)से परिचित कराना भी इसका एक बहुत बड़ा उद्देश्य था।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 11:00 बजे उद्घाटन समारोह के साथ हुई, जिसमें गलगोटियास यूनिवर्सिटी, व्योम और एनआईईएसबीयूडी के प्रतिनिधियों एवम् सम्मानित मुख्य अतिथियों ने विद्यार्थियों के लिये प्रेरणादायक वक्तव्य दिए।अपने अभिभाषण में (ईएसएससीआई) के प्लेसमेंट हेड, श्री नितेश ने रोजगार योग्यता के लिए कौशल विकास के महत्व को रेखांकित किया। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के पूर्व निदेशक, डॉ. ए.के. गर्ग ने नवाचार के राष्ट्रीय विकास में योगदान पर जोर दिया।
व्योम संस्था समूह के निदेशक, श्री कपिल पराशर ने उद्यमशीलता और तकनीकी प्रगति पर प्रकाश डाला, जबकि गलगोटियास पॉलिटेक्निक के डीन, श्री मोहित गहरवार ने तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के महत्व पर एक प्रेरक भाषण दिया। कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग के कार्यक्रम चेयर और इस कार्यक्रम के समन्वयक, डॉ. राजीव शर्मा ने (ईडीपी) के महत्व पर जोर देते हुए छात्रों के तकनीकी और नवाचार कौशल के विकास की आवश्यकता को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया।
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण 90 घंटे का प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम था, जो भारत सरकार और (एनआईईएसबीयूडी) द्वारा प्रायोजित है। इस पाठ्यक्रम में व्यापार योजना, विपणन और प्रबंधन जैसे विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जो छात्रों को उद्यमशीलता की यात्रा के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थीं।
श्री मोहित गहरवार और डॉ. राजीव शर्मा द्वारा संचालित इस कार्यक्रम ने छात्रों पर गहरी छाप छोड़ी। यह आयोजन गलगोटियाज यूनिवर्सिटी की नवाचार और उद्यमशीलता के क्षेत्र में अगली पीढ़ी को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता का एक और मील का पत्थर साबित हुआ।