ग्रेटर नोएडा

यमुना प्राधिकरण के सभागार में प्रमुख सचिव औद्योगिक अनिल सागर व नोएडा, ग्रेटर नोएडा ,यमुना प्राधिकरण के एसीईओ ,एडिशनल कमिश्नर शिव हरी मीणा के साथ संयुक्त किसान मोर्चा के 15 घटक दलों के प्रमुखों की हुई मीटिंग

ग्रेटर नोएडा: आज यमुना प्राधिकरण के सभागार में प्रमुख सचिव औद्योगिक अनिल सागर व नोएडा, ग्रेटर नोएडा ,यमुना प्राधिकरण के एसीईओ , एडिशनल कमिश्नर श्री शिव हरी मीणा के साथ संयुक्त किसान मोर्चा के 15 घटक दलों के प्रमुखों की एक मीटिंग हुई।

इससे पहले डीएम गौतम बुद्ध नगर  मनीष कुमार वर्मा के साथ भी संयुक्त किसान मोर्चा के सभी 15 घटक दलों की मीटिंग हुई। दोनों मीटिंग में संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन में जेल में बंद नेताओं और किसानों को जेल से बिना शर्त रिहाई की बात प्राथमिकता से रखी और किसान नेताओं के घर के सदस्यों और महिलाओं को थाने में बिठाने और प्रताड़ित करने की कवायद तुरंत प्रभाव रोके जाने की बात की। संयुक्त किसान मोर्चे के प्रतिनिधि मंडल ने स्पष्ट किया कि वार्ता और संवाद से ही समस्याओं का समाधान किया जा सकता है

शासन प्रशासन और सरकार संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन को अपनी बातों को मनवाने का एक माध्यम मात्र ही समझे और गौतम बुद्ध नगर के आंदोलन को देश में अन्यत्र स्थान पर हो रहे आंदोलन के साथ जोड़कर न देखे। सर्वप्रथम तुरंत प्रभाव से संयुक्त किसान मोर्चे का एक डेलिगेशन जेल में मीटिंग के लिए भेजा जाए जिससे वार्ता का यह दौर आगे की तरफ चले और जेल के अंदर बंद नेताओं से बात कराई जाए।

एडिशनल कमिश्नर श्री शिव हरी मीणा और डीएम गौतम बुध नगर दोनों ने ही पुलिस के इन क्रियाकलापों पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने और किसानों की बिना शर्त रिहाई के लिए आश्वस्त दिया और प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास ने आंदोलन के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा का भी आश्वासन दिया।कई दिनों से अखबार व सोशल मीडिया पर जो खबरें संयुक्त किसान मोर्चा की टूट को लेकर चल रही थी वह सभी बेबुनियाद साबित हुई और आज 10 से बढ़कर 15 से भी ज्यादा संगठन वहां संपूर्ण ताकत के साथ मौजूद रहे और आने वाले समय में भी हर परिस्थिति में साथ रहने की बात कही गई।

संयुक्त किसान मोर्चा उम्मीद करता है कि इस मीटिंग के बाद शासन व प्रशासन सकारात्मक रवैया अपनाएगा और अफरा तफरी के इस माहौल को खत्म करके संवाद की तरफ आएंगे।

एक बार फिर स्पष्ट किया जाता है कि संयुक्त किसान मोर्चा सबसे पहले जेल में बंद अपने नेताओं और किसानों को बाहर लेकर आएगा और फिर संवाद की रणनीति के तहत जिन मुद्दों पर आंदोलन शुरू हुआ था उन्हें आगे लेकर चलेगा और समाधान करेगा और समाधान कराएगा।

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