दनकौर

डायट दनकौर में षष्ठम राज्य स्तरीय कल, क्राफ्ट एवं पपेट्री प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

दनकौर:जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान दनकौर गौतम बुध नगर में आज षष्ठम राज्य स्तरीय कल, क्राफ्ट एवं पपेट्री प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उच्च प्राथमिक स्तर पर गणित, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान तथा प्राथमिक स्तर पर गणित और भाषा कुल पांच स्तरों पर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। शिक्षकों द्वारा पर्यावरण संबंधी गणित एवं भाषा, विज्ञान पर आधारित एक्टिव मॉडल तथा टीएलएम को बनाया गया तथा प्रस्तुतीकरण भी किया गया। प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल द्वारा समस्त टीएलएम, एक्टिव मॉडल का मूल्यांकन किया गया। प्राचार्य राज सिंह यादव द्वारा कला,क्राफ्ट एवं पपेट्री के महत्व को स्पष्ट किया गया।

टीएलएम छात्रों की शिक्षण में रुचि बनाए रखने तथा छात्रों के ज्ञान को संवर्धित हेतु अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए। विभिन्न एक्टिविटी के माध्यम से छात्रों को सिखाना, छात्र केंद्रित अध्यापन कार्य करना तथा छात्र हित में नवाचारी शिक्षण विधियां को अपनाने के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित किया गया। प्रतिभाग करने वाले समस्त प्रतिभागी विजई होते हैं और प्रतिभाग न करने वाले शिक्षकों की भीड़ से बिल्कुल अलग खड़े होते हैं ।

उच्च प्राथमिक स्तर- प्रथम स्थान विज्ञान विषय में तनुजा राजपूत उच्च प्राथमिक विद्यालय, अटाई मुरादपुर। गणित में प्रथम स्थान समीक्षा सिंह सम्मेलन गोरी बसेरा संविलियन विद्यालय घोरी बछेरा। सामाजिक विज्ञान में प्रथम स्थान डॉ० सीमा श्रोत्रिय को प्राप्त हुआ। प्राथमिक स्तर गणित में प्रथम स्थान, रूबी तोमर, प्राथमिक विद्यालय बरोला भाषा में प्रथम कल्पना प्राथमिक विद्यालय जैतपुर वैशपुर , दादरी ने प्राप्त किया। कार्यक्रम में नोडल की भूमिका निर्माण भोला कुमार तथा सह नोडल एवं मंच संचालन का कार्य भूपेंद्र सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम में से संदीप कुमार, राजेश खन्ना, धनराज सिंह, दीक्षा, वेद प्रकाश मौर्य, नियाज़ वारिस वारसी, नीता सिंह, डॉक्टर अर्चना आर्य, ज्योति दीक्षित, निधि आदि उपस्थित रहें।

उपरोक्त के अतिरिक्त कंप्यूटर डिजिटल लिटरेसी के पांचवे बैच का समापन किया गया। जिसमें ए आई टूल्स, एमएस वर्ड, एमएस एक्सल, पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन, गूगल फॉर्म साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल लाइब्रेरी इत्यादि को बहुत ही रोचक तरीके से सिखाया गया। डिजिटल युग में उपरोक्त समस्त टूल्स के अभाव में शिक्षक स्वयं को अपूर्ण महसूस करता है तथा इन सभी का ज्ञान प्रत्येक शिक्षक को शिक्षण कार्य को रोचक बनाने के लिए परम आवश्यक है।

उपरोक्त के साथ-साथ शिक्षण कौशल पर आधारित प्रशिक्षण के द्वितीय बैच का भी समापन किया गया तथा ट्रेनिंग में शिक्षक संबंधी कौशल जैसे पाठ योजना बनाना, माइक्रो टीचिंग के कौशल, मैक्रो टीचिंग कौशल, कक्षा प्रबंधन, छात्र एवं शिक्षकों का समन्वय, पुस्तकों को रोचक तरीके से समझाना इत्यादि पर प्रशिक्षण को केंद्रित किया गया।

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