जीबीयू में वाद-विवाद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
स्वर्गीय कमला बहुगुणा की 100वीं जयंती के अवसर पर हुआ आयोजन
ग्रेटर नोएडा :गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति तथा दृष्टिकोण डिबेट सोसायटी जीबीयू के संयुक्त तत्वावधान में वाद-विवाद प्रतियोगिता का पहला दौर आयोजित किया गया। यह आयोजन स्वर्गीय कमला बहुगुणा की 100वीं जयंती के अवसर पर हुआ। बहस का विषय था: “क्या भारत में महिलाओं के को आरक्षण देने से वास्तविक समानता हासिल की जा सकती है?”
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री व सांसद रीता बहुगुणा जोशी जी रहीं. उन्होंने महिलाओं के लिए आरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। साथ ही भारत में लैंगिक असमानता, अकुशल श्रमिकों और प्रतिभागियों के विषय-सामग्री पर भी चर्चा की। उन्होंने शेखर गौर पंडित के प्रयासों की सराहना की जो इस डिबेट प्रतियोगिता का आयोजन पूरे उत्तर प्रदेश में कर रहे हैं। उन्होंने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में इस आयोजन के लिए श्री गणेश जाटव के योगदान की प्रशंसा की और कुलपति, रजिस्ट्रार तथा दृष्टिकोण डिबेट सोसाइटी की फैकल्टी कोऑर्डिनेटर डॉ. विभावरी और डॉ. मंजरी सुमन का भी धन्यवाद किया।
इस कार्यक्रम में बोलते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रविंद्र कुमार सिन्हा जी ने सभी प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया और भारतीय समाज में स्त्रियों की स्थिति के सन्दर्भों में बहस के विषय की महत्ता पर विचार रखे। उन्होंने छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु ऐसी बहसों के महत्त्व को भी समझाया तथा हार जीत से परे होकर प्रतिभाग करने के लिए छात्रों का उत्साहवर्धन किया. उन्होंने अखिल भारतीय हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति का आभार व्यक्त किया.
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. विश्वास त्रिपाठी जी ने कहा कि आज का विषय समय की मांग है। जहां देवी पूजनीय है, वहीं कहीं न कहीं कुछ ऐसा हुआ है कि इस विषय पर चर्चा करने की आवश्यकता हो गई है। यह एक सराहनीय प्रयास है।
मानविकी एवं समाज विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता तथा कार्यक्रम की विशिष्ट वक्ता प्रो. बंदना पांडे ने महिलाओं के सन्दर्भ में आरक्षण की महत्ता के विषय में बताया। उन्होंने कहा, “यात्रा लंबी है, दीर्घ है, लेकिन हम सफल होंगे।“ स्व. कमला बहुगुणा जी की स्मृति में आयोजित इस कार्यक्रम के विषय में बोलते हुए स्व. कमला बहुगुणा तथा उनकी बेटी प्रो. रीता बहुगुणा के जीवन से प्रेरणा लेने के सन्दर्भों में उन्होंने कहा कि “एक कर्मठा माँ की विदुषी पुत्री ही यह कार्य कर सकती है.” साथ ही उन्होंने छात्रों का उत्साहवर्धन किया.
अखिल भारतीय हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति के कार्यक्रम संयोजक श्री गणेश जाटव जी ने इस वाद-विवाद प्रतियोगिता की थीम तथा इसके क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा करते हुए छात्रों को अधिक से अधिक प्रतिभाग करने के लिए उत्साहित किया.
वाद-विवाद प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षक डॉ. दिवाकर गरवा, डॉ. रेनू यादव, डॉ. रिया राज और डॉ. तन्वी वत्स शामिल थे।
इस डिबेट प्रतियोगिता में कुल 64 छात्रों ने पंजीकरण किया, जिनमें से 48% ने प्रस्ताव के खिलाफ और 52% ने पक्ष में तर्क दिए। प्रतिभागियों में प्रथम स्थान पर बी.ए. राजनीति विज्ञान द्वितीय वर्ष की छात्रा आरुषि शाक्य रहीं, द्वितीय स्थान पर विधि विभाग की अदिति सिंह और तृतीय स्थान पर विधि विभाग की हृषिका श्रीवास्तव रहीं।
इस आयोजन का सफल संचालन दृष्टिकोण डिबेट सोसाइटी के सदस्यों करण पांडे और सृष्टि सिंह तथा साक्षी झा द्वारा किया गया। डिबेट सोसायटी के अन्य सदस्य अनुज, टीजिस, शिवांश द्विवेदी, शताक्षी, वैदेही, अभिलाषा और सुचिता भी सक्रिय तौर पर कार्यक्रम से जुड़े रहे. इनके साथ-साथ दृष्टिकोण डिबेट सोसाइटी की फैकल्टी कोऑर्डिनेटर डॉ. विभावरी और डॉ. मंजरी सुमन का मार्गदर्शन और सहयोग रहा। वि.वि. के सांस्कृतिक परिषद् की उपाध्यक्ष डॉ. ममता शर्मा भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहीं. इस आयोजन में डॉ. ओबैदुल गफ्फार, डॉ. ए.पी. सिंह, डॉ. पंकज दीप और श्री शिवांश श्रीवास्तव का भी विशेष योगदान रहा।