ग्रेटर नोएडा

खाद्य प्रसंस्करण एवं प्रौद्योगिकी विभाग, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने मनाया विश्व खाद्य दिवस–2025

कार्यक्रम में गूंजा एफ.ए.ओ. का विषय — “हाथ से हाथ मिलाकर बेहतर भोजन और बेहतर भविष्य के लिए”

ग्रेटर नोएडा:खाद्य प्रसंस्करण एवं प्रौद्योगिकी विभाग, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने विश्व खाद्य दिवस 2025 को बड़े उत्साह और सक्रिय भागीदारी के साथ मनाया। इस आयोजन में विद्यार्थियों, संकाय सदस्यों, पूर्व छात्रों तथा उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम ने इस वर्ष के FAO निर्धारित विषय – “हाथ से हाथ मिलाकर बेहतर भोजन और बेहतर भविष्य के लिए” की भावना को साकार किया, जिसमें समृद्ध राष्ट्रों द्वारा गरीब, वंचित और पिछड़े देशों के साथ सहयोग के माध्यम से नवाचार, खाद्य सुरक्षा और स्थिरता पर बल दिया गया। यह समारोह शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, उद्यमियों और युवाओं के लिए एक जीवंत मंच के रूप में कार्य कर रहा था, जहाँ सभी ने मिलकर एक सशक्त खाद्य भविष्य के निर्माण पर विचार-विमर्श किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. राणा प्रताप सिंह, माननीय कुलपति, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने देश में पूर्व में आई खाद्य संकट की परिस्थितियों का उल्लेख किया और यह बताया कि खाद्य सुरक्षा का अर्थ केवल मात्रा से नहीं बल्कि गुणवत्ता और पोषण से भी है। विद्यार्थियों को प्रोत्साहित और आजीवन सीखने हेतु प्रो. सिंह ने प्रसिद्ध पुस्तक “एटॉमिक हैबिट्स” का उद्धरण देते हुए कहा -“लक्ष्य किताब पढ़ना नहीं, बल्कि एक पाठक बनना होना चाहिए”।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री फिरोज एच. नक़वी, निदेशक, फेडरेशन ऑफ स्वीट्स एंड नमकीन मैन्युफैक्चरर्स, मुंबई थे। श्री नक़वी ने पोषण सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग जगत के बीच की खाई को पाटने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि नवाचार और रोजगारयोग्यता को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय खाद्य उद्योग में “विश्व का फूड किचन” बनने की क्षमता है। हल्दीराम का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि कंपनी नोएडा में लगभग 17 फैक्ट्रियाँ संचालित करती है, जो हजारों लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं।

आमंत्रित वक्ताओं डॉ. नामीत कौर, संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ओपेरॉन टेक्नोलॉजी, और श्री अर्जुन कोहली, बिज़नेस हेड, टॉरस फूड्स, ने खाद्य उद्योग में तकनीकी प्रगति और उसके विस्तारशील दायरे पर अपने विचार साझा किए। प्रो. राजीव वर्श्नेय, डीन (शैक्षणिक), ने खाद्य उद्योग में विविधता, नवाचार और नवीनता लाने के लिए उभरती हुई तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

कार्यक्रम में क्विज़, पोस्टर मेकिंग, निबंध लेखन, न्यू प्रोडक्ट डेवलपमेंट, वेस्ट टू वेल्थ और फूड फोटोग्राफी जैसी कई रोचक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इस अवसर की विशेष झलक पूर्व छात्रों की भागीदारी और विभाग की त्रैमासिक पत्रिका “फूड एक्सप्रेस” के विमोचन के रूप में देखने को मिली।

समारोह का समापन इस प्रेरणा के साथ हुआ कि सभी लोग स्वस्थ, खुशहाल, सुरक्षित और शांतिपूर्ण भविष्य के निर्माण के लिए हाथ से हाथ मिलाकर कार्य करें।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!