विचार

सामाजिक परिवर्तन एवं राष्ट्रीय प्रगति का सबसे सशक्त माध्यम है नागरिक कर्तव्यों का पालन-डॉ मुरार जी त्रिपाठी(प्रांत प्रचार प्रमुख)

प्रयागराज: सामाजिक परिवर्तन एवं राष्ट्रीय प्रगति का सबसे सशक्त माध्यम है नागरिक कर्तव्यों का पालन ।कोई भी राष्ट्र धन संपदा से नहीं बल्कि अपने नागरिकों के कर्तव्य बोध से मजबूत होता है। जिस राष्ट्र में जिस अनुपात में नागरिक कर्तव्यनिष्ठ एवं राष्ट्रीय हितों के प्रति जागरूक होंगे वह राष्ट्र उसी अनुपात में विकास की बुलंदियों पर पहुंचेगा।

उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ मुरार जी त्रिपाठी ने फूलपुर के बौड़यी लंका स्थित केशव सदन में रविवार को आयोजित एक विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में प्रकट किया।

‘राष्ट्र की उन्नति का आधार नागरिक कर्तव्य’ विषयक गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रांत प्रचार प्रमुख ने आगे कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने पांच संकल्पों के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर है ।नागरिक कर्तव्यों का पालन उन पांच संकल्पों में से एक प्रमुख संकल्प है। सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, स्वदेशी भाव के जागरण तथा स्वच्छ पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरुक कर संघ अपने शताब्दी वर्ष में सामाजिक परिवर्तन लाने के प्रति कृतसंकल्पित है।

आगे कहा कि देशभक्ति, अनुशासन एवं सेवा के बल पर संघ आज विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बन गया है ।वर्ष 2025 के विजयदशमी पर्व से संघ का शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है। शताब्दी वर्ष में समाज में व्यापक सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु स्वयंसेवक पंच संकल्पो की अलख जागने के लिए घर-घर निकलेंगे। नागरिक कर्तव्यों का पालन सामाजिक परिवर्तन का सबसे सशक्त माध्यम बनेगा। स्विट्जरलैंड का उदाहरण देते हुए प्रांत प्रचार प्रमुख ने कहा कि वहां की सरकार ने देश के युवकों के लिए साढे तीन लाख रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने की जब घोषणा की तो वहां का नौजवान इस प्रस्ताव के विरोध में सड़कों पर उतर आया । नौजवानों ने कहा कि इससे देश में अकर्मण्यता बढ़ेगी तथा हमारा देश पिछड़ जाएगा। अंतत: सरकार को अपना कदम पीछे खींचते हुए लोकलुभावन प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। जागरूक नागरिकों के कर्तव्य पालन की यह एक बड़ी मिसाल है।

बड़ी संख्या मेंउपस्थित बुद्धिजीवियों को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा किभारतीय संविधान भी अपने नागरिकों को जहां 6 मौलिक अधिकार प्रदान करता है वही उनसे 11 नागरिक कर्तव्यों के पालन की भी अपेक्षा करता है। अपने कर्तव्यों का पालन करके ही कोई नागरिक मौलिक अधिकारों को प्राप्त करने का सच्चा हकदार बन पाता है।इस बात को हमेशा ध्यान में रखना होगा। संविधान में वर्णित 11 नागरिक कर्तव्यों की भी प्रांत प्रचार प्रमुख ने विस्तार से जानकारी दी।

सह विभाग कार्यवाह बेचन सिंह ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद अधिकार पाने की होड़ लग गई किंतु कर्तव्यों के प्रति लोग उदासीन हो गए ।इसीलिए जितनी तेजी से राष्ट्र की प्रगति होनी चाहिए थी वह नहीं हो सकी। अब वह दौर आ गया है जब सभी लोग नागरिक कर्तव्य का पालन करते हुए राष्ट्र को उन्नति के शिखर पर ले जाने के लिए प्रयास करें।

मंच पर प्रतिष्ठित व्यवसाई नगरसंघ चालक कृष्ण कुमार की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। गोष्ठी का सफल संचालन शिव कैलाश ने किया। इस अवसर पर सह प्रांत सोशल मीडिया प्रमुख विष्णु कुमार जायसवाल, जिला प्रचार प्रमुख अनिरुद्ध सह जिला प्रचार प्रमुख जिग्नेश, विभाग मार्ग प्रमुख राजेश्वर सिंह विजय कुमार पांडे समेत बड़ी संख्या में प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।

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