विचार

शस्त्र दिलवाओ बेटी बचाओ – दिव्य अग्रवाल(लेखक व विचारक)

बंद कमरे में २० घंटे पढ़ाई करके एक उच्च अधिकारी बनने के पश्चात सरकारी आदेशों का पालन करना,योजनाओं को क्रियान्वित करवाना इन्ही कार्यों में जीवन निकल जाता है। शिक्षा के समय बंद कमरा , नौकरी के समय बंद कार्यालय , कोठी पर कार्यालय आदि कार्यों में शायद समय ही नहीं मिल पाता होगा की उच्च अधिकारी किंचित मात्र भी अनुमान लगा सकें की जिस परिवार में बेटी हो और चारो तरफ जिहादी मानसिकता वाले विधर्मी एवं भूखे भेड़ियों हों उस परिवार की सुरक्षा होगी कैसे । यदि सभ्य परिवारों में हथियार हों , इजराइल की तरह लड़कियों के पास शस्त्र हों तोवासना के भेड़ियों का अंत अविलम्ब होगा । सुरक्षा घेरे में रहने वाले नेता हों या अधिकारी , अभिनेता हो या व्यापारी सबको समझना चाहिए , जंगली जानवर को नगर में खुल्ला नहीं छोड़ा जाता या तो उसे मार दिया जाता है या उसे जंगल वापस भेज दिया जाता है । जिस प्रकार प्रतिदिन हिन्दुओ के साथ अमानवीय घटना हो रही हैं उसका उपचार केवल और केवल वैधानिक शस्त्र धारण है । भारत की सभी राज्य सरकारों को योग्य परिवारों को अधिकाधिक शस्त्र लाइसेंस वितरित करने चाहिए ,

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!