ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण:ग्रुप हाउसिंग के पांच भूखंडों की बिक्री से मिलेंगे 15 सौ करोड़
सफाई, गंगाजल आपूर्ति और किसानों को भूखंड देना प्राथमिकता -सीईओ
राजेश बैरागी( स्वतंत्र पत्रकार व लेखक)
ग्रुप हाउसिंग योजना के अन्तर्गत नीलाम किए गए पांच भूखंडों के बदले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को आरक्षित मूल्य के मुकाबले 128 प्रतिशत अधिक धनराशि प्राप्त होगी। इनमें से सेक्टर 36 स्थित भूखंड के लिए सर्वोच्च बोली लगाने वाले सोभा बिल्डर की ख्याति दुबई तक फैली हुई है।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी ने प्रेस वार्ता में बताया कि ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में सेक्टर ईटा -2 स्थित भूखंड संख्या 1ए क्षेत्रफल 28265 वर्गमीटर, सेक्टर सिग्मा थर्ड स्थित भूखंड संख्या 207 क्षेत्रफल 38771, सेक्टर 36 स्थित भूखंड संख्या बी-255 क्षेत्रफल 13938.5 वर्गमीटर, सेक्टर 12 स्थित भूखंड संख्या 01/बी,सी,डी,ई,जे, के क्षेत्रफल 32350 वर्गमीटर व सेक्टर 12 स्थित भूखंड संख्या 01एफ,जी,एच, और आई क्षेत्रफल 22558 वर्गमीटर को बिक्री के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थीं।इन सभी भूखंडों के लिए लगभग साढ़े सात सौ करोड़ रुपए आरक्षित मूल्य रखा गया था। बीते दिवस खोली गई निविदाओं में बोलीदाताओं ने इन भूखंडों के लिए पंद्रह सौ करोड़ रुपए से ऊपर की बोली दी। इस प्रकार प्राधिकरण को कुल 135882.5 वर्गमीटर भूमि के लिए 15 सौ करोड़ रुपए से अधिक धनराशि प्राप्त होगी।नये नियमों के अनुसार बोली लगाने वाले बिल्डरों को यह धनराशि नब्बे दिन के निर्धारित समय में प्राधिकरण के खाते में जमा करानी होगी। इससे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में पंद्रह हजार करोड़ रुपए से अधिक निवेश आएगा और दस हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। उल्लेखनीय है कि इस योजना में सेक्टर सिग्मा थर्ड और सेक्टर 12 के दो भूखंडों के लिए गोदरेज प्रोपर्टीज लिमिटेड ने सर्वोच्च बोली लगाई जबकि सेक्टर 12 के दूसरे भूखंड के लिए एशटेक इंडस्ट्रीज लिमिटेड, सेक्टर 36 के भूखंड के लिए सोभा लिमिटेड व सेक्टर ईटा 2 के भूखंड के लिए पराशू इंफ्राबिल्ड प्राईवेट लिमिटेड तथा कामरूप इंफ्राबिल्ड प्राईवेट लिमिटेड ने संयुक्त रूप से सबसे ऊंची बोली लगाकर भूखंड अपने नाम कर लिए। उल्लेखनीय है कि सोभा लिमिटेड दुबई के रियल एस्टेट सेक्टर का एक जाना-पहचाना नाम है।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी ने बताया कि शहर की सफाई व्यवस्था को चाक-चौबंद करने, क्षेत्र के किसानों को प्राथमिकता के आधार पर आबादी भूखंड आवंटित करने, सभी निर्धारित सेक्टरों तक गंगाजल की आपूर्ति तथा प्राधिकरण को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने का उनका लक्ष्य है। आवश्यकता से काफी कम स्टाफ के साथ प्राधिकरण के कार्यों को लक्ष्य तक पहुंचाना चुनौती है परंतु निरंतर किए जा रहे प्रयासों से सफलता अवश्य मिलेगी,