ग्रेटर नोएडा

महिला अगर चाह ले तो वह सारी सृष्टि बदल सकती है – श्रीमती किरण चोपड़ा

हम मातृशक्ति के अंशमात्र है - प्रो. राणा प्रताप सिंह

ग्रेटर नोएडा:गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कन्वेंशन सेंटर में 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की आधिष्ठाता प्रो. बंदना पाण्डेय के सफल नेतृत्व में किया गया। इस कार्यक्रम में पंजाब केसरी की निदेशक श्रीमती किरण चोपड़ा एवं वरिष्ठ टीवी पत्रकार अदिति त्यागी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई । कार्यक्रम की अध्यक्षता गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने किया ।
इस महिला दिवस समारोह में पुण्यश्लोका लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर को समर्पित किया गया। यह वर्ष पुण्यश्लोका लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी समारोह के लिए समर्पित था। इस अवसर पर अहिल्याबाई होल्कर के जीवन और विरासत पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी प्रदर्शित की गयी, जिसमें भारतीय इतिहास में उनके उल्लेखनीय योगदान पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पंजाब केसरी की निदेशक श्रीमती किरण चोपड़ा ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज अगर हमारे भारत में संस्कार, सभ्यता और संस्कृति जीवित है तो उसके लिए हमें महिलाओं को श्रेय देना चाहिए । महिलाएं हमेशा अपनी सभ्यता और संस्कृति को सँजो कर रखती हैं। श्रीमती चोपड़ा ने आगे कहा कि अगर एक महिला चाह ले तो वह सारी सृष्टि को बदल सकती है, नेपोलियन ने भी कहा था कि “मुझे एक योग्य महिला दे दीजिए, मैं आपको एक योग्य राष्ट्र दे सकता हूं।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार अदिति त्यागी ने महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार साझा करते हुए सभी से आग्रह किया कि वे हर दिन को महिला दिवस के रूप में मना सकते हैं। उन्होंने कहा कि जानकारी सशक्तिकरण की कुंजी है, उन्होंने धारणा और तथ्य के बीच महत्वपूर्ण अंतर को समझाते हुए स्रोतों की पुष्टि और विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने महिलाओं की उपलब्धियों और योगदान पर अपने विचार प्रस्तुत किया।
गौतम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने महिला दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि आज का विशेष दिवस पूरी तरह से महिलाओं को समर्पित है। हमे अपनी शरीर में जो ऊर्जा मिलती है वह हमारी माता की देन होती है, क्योंकि माइटरोकोन्ड्रिया किसी भी शिशु को अपनी माता से ही प्राप्त होती है, न कि अपनी पिता से । हमें उस मातृशक्ति का हर दिन नमन करना चाहिए, जिनके हम अंशमात्र हैं ।
मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की आधिष्ठाता प्रो. बंदना पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमें इतनी शक्ति देना कि ईश्वर करे कि हमे कोई महिला दिवस या पुरुष दिवस मनाने की आवश्यकता ही न पड़े क्योंकि जहां मां बैठी हों, उस संसार में कोई विषमता नहीं होती है। उन्होंने यह भी कहा कि शैक्षणिक संस्थान में किसी भी तरह का जेंडर पूर्वाग्रह नहीं होता है, हालांकि बेटियां जो होती है वह पूरी संस्कृति की संवाहक होती हैं इसलिए हम उन्हें ज्यादा प्यार देते हैं । उन्होंने जीजाबाई, लक्ष्मीबाई और अहिल्याबाई होल्कर सहित अपनी व्यक्तिगत प्रेरणाओं को साझा किया।

कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति प्रो राणा प्रताप सिंह, मानविकी और सामाजिक विज्ञान के डीन प्रो बंदना पांडे और मुख्य अतिथि श्रीमती किरण चोपड़ा और सुश्री अदिति त्यागी द्वारा सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। कार्यक्रम का संचालन डॉ मंजरी सुमन एवं करुणा सिंह ने किया। इस अवसर पर भारी संख्या में विश्वविद्यालय के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के कई विभागाध्यक्ष, फैकल्टी सदस्य और अधिकांश छात्र-छात्राएं शामिल थे ।

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