एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़ और जीएनआईओटी (GNIOT) सिविल इंजीनियरिंग विभाग के संयुक्त तत्वावधान ‘एडवांस्ड कंस्ट्रक्शन मैटेरियल्स एंड टेक्नीक्स’ पर दो सप्ताह का लघु अवधि पाठ्यक्रम (STC) सफलतापूर्वक संपन्न

ग्रेटर नोएडा:ग्रेटर नोएडा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (इंजीनियरिंग संस्थान) के चेयरमैन डॉ. राजेश गुप्ता और वाइस चेयरमैन श्री गौरव गुप्ता के प्रेरणादायक नेतृत्व एवं संस्थान को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा की दिशा में अग्रसर रखने के सतत प्रयासों के अंतर्गत सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा दो सप्ताह का लघु अवधि पाठ्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम “Advanced Construction Materials and Techniques” विषय पर NITTTR चंडीगढ़ के सहयोग से 14 जुलाई से 25 जुलाई 2025 तक आयोजित हुआ, जिसमें देशभर के विशेषज्ञों ने अपने व्याख्यान दिए।
संस्थान के निदेशक डॉ. धीरज गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि यह STC कार्यक्रम शिक्षकों की तकनीकी दक्षता और व्यावहारिक ज्ञान को अद्यतन करने की दिशा में एक सशक्त पहल है, जिससे संस्थान की शिक्षण गुणवत्ता और नवाचार आधारित अनुसंधान में वृद्धि होगी। उन्होंने चेयरमैन व वाइस चेयरमैन के विजन को क्रियान्वित करने हेतु सभी शिक्षकों से इसी प्रकार नवाचार और गुणवत्ता पर केंद्रित रहने का आह्वान किया।
डॉ. संजय कुमार, डीन अकादमिक (GNIOT, इंजीनियरिंग संस्थान) ने कहा “यह लघु अवधि पाठ्यक्रम न केवल संकाय सदस्यों की तकनीकी दक्षता बढ़ाता है, बल्कि शिक्षण में गुणवत्ता और नवाचार को भी मजबूती प्रदान करता है।”
इस कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. मोहित गुप्ता (HOD, सिविल इंजीनियरिंग) और सह-समन्वयक सुश्री संघती मुत्सुद्दी ने बताया कि कुल 23 फैकल्टी सदस्यों ने इस पाठ्यक्रम में सहभागिता की और 10 दिनों तक लगातार निर्माण क्षेत्र के नवाचार, उन्नत सामग्री, सतत निर्माण तकनीक, IoT और AI जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर विशेषज्ञों से ज्ञान अर्जित किया।
दिन 1 को डॉ. संजय शर्मा (NITTTR) द्वारा सतत निर्माण पद्धतियों और डॉ. बलकार सिंह (PEDA) द्वारा ऊर्जा दक्ष भवन डिज़ाइन पर सत्र लिए गए।
दिन 2 में डॉ. एस.के. सिंह (CBRI) ने प्रीफैब निर्माण, श्री हरपाल ने कंस्ट्रक्शन केमिकल्स, तथा डॉ. एल.एन. शर्मा ने GIS एवं रिमोट सेंसिंग पर जानकारी दी।
दिन 3 में आर्किटेक्ट जित कुमार गुप्ता (PUDA) ने अफोर्डेबल कंस्ट्रक्शन तकनीक और डॉ. अजय चौरसिया (CBRI) ने नवीनतम निर्माण तकनीक पर व्याख्यान दिया।
दिन 4 में प्रो. रिजवान खान (AMU) ने माइक्रोबियल कंक्रीट, श्री आनंद (Smarteam) ने स्टोन मैस्टिक डामर और डॉ. सुप्रदीप दास ने लेटेस्ट इन्वेंशन्स साझा कीं।
दिन 5 को टाटा स्टील के प्रतिनिधियों ने स्टील स्ट्रक्चर में नवीन तकनीक, प्रो. रिजवान ने MSWI ऐश का कंक्रीट में उपयोग, तथा श्री सचिन शर्मा ने संरचनाओं के रिट्रोफिटिंग पर बात की।
दिन 6 में ई. अरुण कुमार (NTPC) ने स्लिप फॉर्मिंग तकनीक और डॉ. अमित गोयल (NITTTR) ने भूकंप रोधी निर्माण पर विस्तार से चर्चा की।
दिन 7 में डॉ. हिम्मी गुप्ता (NITTTR) ने AI और IoT इन कंस्ट्रक्शन, अल्ट्राटेक टीम ने रेडी मिक्स कंक्रीट और प्रो. अजय दुग्गल ने जियोटेक्सटाइल्स पर अपने विचार साझा किए।
दिन 8 को ई. अरुण कुमार ने टनल बोरिंग मशीन (TBM) और डॉ. संजय शर्मा ने नॉन डेस्ट्रक्टिव टेस्टिंग तकनीकों पर व्याख्यान दिए।
दिन 9 में IRC 44 दिशानिर्देशों, HPC/UHPC और DLC टेक्नोलॉजी पर सत्र आयोजित हुए जिनमें पर्यावरणीय और आर्थिक दृष्टिकोण से उनके महत्व पर चर्चा की गई।
दिन 10 को समापन समारोह (Valedictory Session) आयोजित किया गया, जिसमें सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए और विशेषज्ञों, आयोजकों तथा प्रतिभागियों द्वारा अपने अनुभव साझा किए गए। निदेशक महोदय ने प्रतिभागियों की सक्रियता एवं आयोजकों के उत्कृष्ट समन्वय की सराहना की और भविष्य में भी इस प्रकार के तकनीकी कार्यक्रमों को संस्थान की पहचान बताया।
यह दो-सप्ताहीय पाठ्यक्रम जीएनआईओटी इंजीनियरिंग संस्थान के शैक्षणिक उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास रहा, जिससे न केवल फैकल्टी की तकनीकी दक्षता बढ़ी, बल्कि संपूर्ण अकादमिक वातावरण में नवाचार और गुणवत्ता की सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ।