बदलती भारतीय शिक्षा व्यवस्था के बीच शिक्षक शिक्षा पर गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में सार्थक संवाद

ग्रेटर नोएडा:गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के शिक्षण एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा 28 नवम्बर 2025 को “भारत में शिक्षक शिक्षा का परिदृश्य: नीतियाँ एवं व्यवहार” विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं शिक्षक-प्रशिक्षुओं को शिक्षक शिक्षा के विकसित होते परिदृश्य, राष्ट्रीय शिक्षा नीति–2020 के नवीन प्रावधानों, गुणवत्ता संवर्धन, तकनीकी रूपांतरण तथा व्यावहारिक चुनौतियों की समग्र समझ प्रदान करना था।
कार्यक्रम की शुरुवात विभागध्यक्ष डॉ० राकेश कुमार श्रीवास्तव के स्वागत उद्बोधन के साथ हुआ । उन्होंने शिक्षक की बदलती भूमिका तथा राष्ट्र की प्रगति में उनके योगदान पर प्रकाश डाला। व्याख्यान के बाद आयोजित प्रश्न–उत्तर सत्र में विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रनति पांडा (नीपा, नई दिल्ली) ने अपने विस्तृत व्याख्यान में शिक्षक शिक्षा के ऐतिहासिक विकास, एन सी टी ई के मानक, चार-वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम, समावेशन एवं लैंगिक संवेदनशीलता, शिक्षण में आईसीटी व डिजिटल उपकरणों के उपयोग, विद्यालय-आधारित इंटर्नशिप तथा शिक्षक की पेशेवर क्षमता-विकास जैसे महत्वपूर्ण आयामों पर सारगर्भित एवं व्यावहारिक दृष्टि से जानकारी प्रस्तुत की।
संकाय की अधिष्ठाता प्रो॰ बंदना पांडे ने अपने संदेश में कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान–संचारक नहीं, बल्कि समाज–निर्माण के प्रमुख वाहक हैं, इसलिए शिक्षक शिक्षा से जुड़ी नीतियों, मानकों और व्यवहारिक पक्षों को समझना आवश्यक है, जिससे भावी शिक्षक बहुआयामी कक्षा-कक्ष की आवश्यकताओं को प्रभावी ढंग से पूरा कर सकें।
अतिथि व्याख्यान प्रतिभागियों में शिक्षक शिक्षा के प्रति स्पष्टता, संवेदनशीलता, तकनीकी जागरूकता तथा नवाचारी दृष्टिकोण विकसित करने में उपयोगी, ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी सिद्ध हुआ। कार्यक्रम के अंत में विभाग की प्रवक्ता डॉ० श्रुति कंवर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया तथा राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।






