बुलन्दशहर

नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की

बुलंदशहर : छतारी के गांव कीरतपुर स्थित श्री राम मंदिर प्रांगण में श्रीमद् भागवत पंडाल उस समय उत्सव में तब्दील हो गया। जब भगवान श्रीकृष्ण की लाीला का वर्णन हुआ। चहुंओर नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की के जयकारे गूंज उठे। कृष्ण बने नन्ने बालक को पालने में रखकर गोकुल ले जाते वासुदेव की झांकी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। श्रद्धालुओं ने नाच गाकर कृष्ण जन्मोत्सव मनाया।

छतारी के गांव कीरतपुर स्थित श्री राम मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में चौथे दिन कथा वाचक पंडित रमाकांत व्यास ने कहा कि जब प्रथ्वी कंस के आतंक से त्रस्त हो उठी तब प्रथ्वी को उसके आतंक से निजात दिलाने के लिए भगवान विष्णु ने कारागार में बंद चल रही देवकी के गर्भ ने जन्म लिया। जैसे ही भगवान का जन्म हुआ, तभी सारे पहरेदार गहरी नींद में सो गए। कारागार के सारे दरवाजे व वासुदेव जी की बेड़ियां खुल गई। वे नन्ने कृष्ण को सूप में रखकर यमुनापार गोकुल स्थित मित्र नंद के घर चल दिए। जब वे यमुना पार कर रहे थे तो भगवान के श्रीचरणों को छूने के लिए यमुना का जल स्तर बढ़ता रहा। जिस पर भगवान कृष्ण ने सूप से पैर बाहर निकाला यमुना जल से स्पर्श किया, जब यमुना का जल स्तर कम हो सका। वासुदेव जी कृष्ण को नंद को सौंपकर उनकी कन्या को अपने साथ ले गए। जब गोकुल वालों को नंद के घर बालक के जन्म की सूचना मिली तो पूरा गोकुल झूम उठा। भागवत कथा में कृष्ण जन्म होने पर पंडाल जयकारों से गूंज उठा। बालकृष्ण के पूजन के लिए सभी श्रद्धालु उमड़ पड़े, नाच गाकर कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। इस मौके पर मुकेश राघव, सोमवीर सिंह, दिनेश दादा, विमल राघव ग्राम प्रधान, आदित्य राघव, डब्बू सिंह, चंद्रपाल सिंह, पप्पू प्रधान, चरण सिंह, जितेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।

रिपोर्टर उपेंद्र शर्मा

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!