नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण:आज कहीं निर्माणाधीन प्रोजेक्ट सील तो कहीं आवंटित भूखंड पर अवैध कब्जा ध्वस्त
ग्रेटर नोएडा :नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों में आज सीलिंग और अवैध कब्जे से अपनी भूमि मुक्त कराने का दिन रहा। हालांकि नोएडा प्राधिकरण ने आज जिन पांच बिल्डर प्रोजेक्ट को सील किया उनपर आरोप है कि वे निर्माण करने की अवधि बीत जाने के बाद भी नियम विरुद्ध निर्माण कर रहे थे। साथ ही प्राधिकरण का आरोप कि इन बिल्डरों का अपने प्रोजेक्ट पूरा करने में रुचि नहीं है इसलिए सीलिंग की कार्रवाई की गई।
नोएडा प्राधिकरण ने आज परस्पर विरोधाभासी आरोपों के आधार पर पांच ग्रुप हाउसिंग बिल्डर प्रोजेक्ट को सील कर दिया। ये प्रोजेक्ट हैं,जी एच-2,सेक्टर 143 स्थित लोजिक्स सिटी डेवलपर्स का ब्लोसम जेस्ट,जी एच-1, सेक्टर 168 स्थित थ्री सी प्रोजेक्ट्स प्रा लि का लोटस जिंग,जी एच-1, सेक्टर 135 स्थित टुडे होम्स का रिज रेजीडेंसी और जी एच-5, सेक्टर 110 स्थित ग्रेनाइट गेट प्रोपर्टीज का लोटस पांचे। प्राधिकरण ने इन्हें मानचित्र अवधि बीत जाने के बावजूद निर्माण कार्य जारी रखने के आरोप में सील किया है। प्राधिकरण के प्रेस नोट में बताया गया है कि मानचित्र अवधि बीत जाने पर निर्माण कार्य जारी रखना भवन नियमावली तथा पट्टा प्रलेख की शर्तों का उल्लंघन है। इसके साथ ही प्राधिकरण ने इन बिल्डरों पर अपने प्रोजेक्ट पूरा करने में रुचि न होने का भी आरोप लगाया है। ये दोनों विरोधाभासी आरोप हैं जिनमें प्रोजेक्टों पर निर्माण कार्य जारी रखने की बात भी कही गई है और प्रोजेक्ट पूरा न करने में रुचि न होने की बात भी कही गई है।
उधर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी के कड़े निर्देशानुसार आज बिसरख गांव के खसरा नं 435 की लगभग 33 हजार वर्गमीटर अधिग्रहित भूमि को अवैध कब्जा ध्वस्त कर पुनः कब्जा प्राप्त कर लिया। विशेष कार्याधिकारी अभिषेक पाठक के नेतृत्व में प्राधिकरण के अधिकारियों की टीम ने पुलिस की सहायता से इस भूमि पर अवैध कब्जाधारियों द्वारा की जा रही बाउंड्री वॉल तथा निर्माण को तहस-नहस कर दिया। यह भूमि ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए आवंटित है परंतु अवैध कब्जे के चलते यहां काम शुरू नहीं हो पा रहा था। एसीईओ सुनील कुमार सिंह ने इस अवसर पर आम नागरिकों से भूमाफियाओं द्वारा अवैध रूप से विकसित की जा रही कॉलोनियों में अपनी मेहनत की पूंजी न लगाने की अपील की है
रिपोर्ट- राजेश बैरागी स्वतंत्र पत्रकार