बुलन्दशहर

योगी जी के आदेश ताक पर, औरंगाबाद में बिजली की अघोषित कटौती से जनता कर रही है त्राहि त्राहि

बिजली अधिकारी फोन नहीं उठाते कर्मचारियों को पीने से फुर्सत नहीं

औरंगाबाद (बुलंदशहर ) भीषण गर्मी में कस्बा औरंगाबाद की जनता अघोषित बिजली कटौती से त्रस्त हो त्राहि त्राहि कर रही है लेकिन अधिकारियों के फोन या तो स्विच ऑफ रहते हैं अथवा रिसीव नहीं होते। कब किस मौहल्ले में बिजली गुल हो जायेगी पूरी रात गायब रहेगी सुबह कब आयेगी यह कोई भी नहीं जानता सिवा विद्युत विभाग के लापरवाह कामचोर कर्मचारियों के जिन्हें शाम ढलते ही नशे में चूर होकर मदमस्त कभी भी देखा जा सकता है।

प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ भले ही प्रदेश भर में 18, बीस घंटे विद्युत आपूर्ति सुचारू कराने का दावा करते नजर आ रहे हैं हकीकत इससे कोसों दूर है। बुलंदशहर जिला मुख्यालय से मात्र 16 किलोमीटर पर स्थित कस्बा औरंगाबाद की हालत देखकर यहां के वाशिंदों पर हर किसी को तरस आ जाता होगा सिवा विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के। यहां आये दिन ट्रांसफार्मर फुंकने बिजली गुल होने अथवा लो-वोल्टेज की शिकायत आम हो चली है। कभी पवसरा रोड़ के लोग भीषण गर्मी में हवा पानी के लिए बिलबिलाते नजर आएंगे तो कभी सदर बाजार जाटान, के। कभी गुलावठी मोहल्ले में अंधेरा तो कभी स्याना सिकंदरा गूली देहली दरवाजा में लाइट नदारत। आलम यह है कि कब कहां अंधेरा हो गया यह सिर्फ मौहल्ले वालों को ही पता होता है बिजली विभाग तो चौबीस घंटे विद्युत आपूर्ति करने के दावे में ही मस्त दिखाई देता है।

जनता कितने ही फोन खटखटाये कोई अधिकारी कर्मचारी फोन रिसीव नहीं करेगा। और यदि भूले-भटके कभी रिसीव कर भी लिया तो कह दिया जाता है काम चल रहा है लाइन पर काम पूरा हो जाएगा तब लाइट आ जायेगी। काम पूरा कब होगा यह काम करने वाले जाने या फिर राम जाने।

बुधवार की रात्रि में पुराने बिजली घर पर रखे ट्रांसफार्मर में धुआं उठते देख जागरुक मौहल्ले वालों ने अधिकारियों व कर्मचारियों को दर्जनों फोन खटखटाये कोई सुनवाई नहीं हुई। टांस्फार्मर फुंके या मशीन उनका क्या नुकसान। नुकसान होगा तो सरकार का या कस्बे के नागरिकों का जिन्हें भीषण गर्मी में पानी हवा से वंचित रह अपने भाग्य को कोसने के लिए बाध्य होना ही होगा।

रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल

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