हमारा दुर्भाग्य हमारे ईंट भट्टे एनसीआर में-संजय गोयल

बुलंदशहर :हमारे ईंट भट्ठे एनसीआर में स्थित है यह हमारा दुर्भाग्य है यह कहना है ईंट भट्टा संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष संजय गोयल का भारत ईंट उद्योग के स्वामी संजय गोयल का कहना है कि हमारे ईंट भट्ठे एनसीआर में स्थित है लेकिन सुविधा कुछ भी नहीं बल्कि एनसीआर में बने नियम कानून के चलते अफसर शाही का डंडा व एनसीआर के नियम कानून की आड़ में असमाजिक तत्वों द्वारा आए दिन ब्लैकमेल करने से हम भट्टा स्वामी इस लघु उद्योग में करोड़ों रुपए लगाकर भी डिप्रेशन का शिकार हो गए हैं हम भट्टा स्वामी कानून के अंतर्गत एक मार्च से तीस जून तक एक वर्ष में केवल चार महीने ही उत्पादन करते हैं लेकिन एनसीआर से जुड़ी सीमाओं के ईंट भट्टे भी उसका फायदा उठा ले जाते हैं हमारी नई ईंट आने से पहले ही अवैध रूप से ट्रॉलाओं में लाखों ईंट भरकर एन सी आर बेच जाते हैं जिससे हमारी ईंट की बिक्री भी प्रभावित होती है हमारी ईंटों की लागत भी अधिक आती है कारण केवल चार महीने के उत्पादन में समस्त खर्चे जैसे भट्टा किराया जमीन किराया मुंशी चौकीदार का वेतन सरकारी टैक्स आदि हमें पूरे बारह महीने का ही देना होता है
ऊपर से बारिश होने से कच्ची ईंट खुले में होने के कारण ईंटें गल जाने से एक-एक भट्टे पर लाखों रुपए का नुकसान हो जाता है कम उत्पादन अधिक लागत के चलते यह लघु उद्योग बर्बादी की कगार पर है जबकि इस लघु उद्योग से लाखों लोगों की रोजी रोटी जुड़ी हुई है कई हजार लोगों को रोजगार देने का काम यह लघु उद्योग करता है जिला अध्यक्ष संजय गोयल ने कहा कि हम सरकार से जल्दी ही अपनी पीड़ा व्यक्त करेंगे व जिला बुलंदशहर के समस्त ईंट भट्टों को एनसीआर के नियम कानून से बाहर करने, और अपने किसान भाइयों की तर्ज पर भट्टा स्वामियों को भी मुआवजा देने की मांग करेंगे|