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गौ माता के रक्षण को महाकुम्भ से जोड़ते, राजा भैया – दिव्य अग्रवाल

महाकुम्भ:राजा रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया ने कुशल राजनेता होने का प्रमाण तो असंख्य बार दिया है पर इसी के साथ सनातन को समर्पित दूरदर्शिता रखते हुए राजा भैया ने गौ माता के जीवन को संरक्षित करने हेतु प्रयागराज महाकुम्भ से एक वृहद सन्देश देने की योजना को भी क्रियान्वित कर दिया है । राजा भैया के निवास स्थान बेंती कोठी के प्रांगण में विभिन्न प्रकार की नश्लों की गौ माता का पालन पोषण होता है उन्ही गौ माता के गोबर से लकड़ी जैसे मजबूत लट्ठे बनाये जा रहे हैं जो प्रयागराज महाकुम्भ भेजे जाएंगे जिससे आम जनमानस को न सिर्फ पर्यावरण की सुरक्षा अपितु ऐसी गौ माता जो दूध नहीं देती उनके पोषण और जीवन व्यापन के प्रति भी एक नया विचार मिलेगा। कई बार देखा गया है की दूध न मिलने के कारण गौ पालक या तो गौ को ऐसे ही छोड़ देते हैं या धन अभाव के कारण गौ वंश को विक्रय भी कर देते हैं लेकिन दूध ही एकमात्र विकल्प नहीं है बल्कि गौ वंश के गोबर से अर्जित आय से भी गौ वंश और परिवार का पालन पोषण हो सकता है इस विचार को राजा भैया , महाकुम्भ से जन जन तक पहुँचाना चाहते हैं ।

राजा भैया की यदि व्यक्तिगत जीवनशैली को देखा जाए तो गोबर से निर्मित गैस पर ही उनके यहां भोजन निर्मित होता है , खेती आदि में भी गोबर का ही खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है जिससे न केवल फसल,अनाज ज्यादा होता है अपितु पौष्टिक और विषैले पदार्थों से मुक्त होता है।

एक प्रभावशाली और लोकप्रिय व्यक्ति जब जीवन की साधारण बातों का अनुपालन करते हैं तो समाज को भी प्रेरणा मिलती है की वो भी अपना जीवन सरलता और सुगमता से व्यतीत करें । अतः गौ वंश का संवर्धन हो , संरक्षण हो यह बात सिर्फ नारों तक या राजनीति करने से नहीं अपितु प्रभावी कर्म करने से ही इस विचार को संभव किया जा सकता है।

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