कछुआ चाल से हो रहा सड़क निर्माण स्कूली बच्चों की जान सांसत में
ठेकेदार हज़म कर गए अधिशासी अधिकारी के दो दो नोटिस
औरंगाबाद (बुलंदशहर ) अधिकारियों की लापरवाही और ठेकेदारों की उदासीनता के चलते बेहद धीमी गति से सड़क निर्माण का काम किया जा रहा है। इस लापरवाही के चलते हजारों स्कूली बच्चों को स्कूलों तक पहुंचने में भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। हजारों स्कूली बच्चों की जान सांसत में फंसकर रह गई है शायद प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है।
प्राचीन नागेश्वर मंदिर के समीप से एन पी एस पब्लिक स्कूल तक की ऊबड़-खाबड़ सड़क के नव निर्माण के लिए नगर पंचायत ने दो ठेकेदारों को चालीस चालीस लाख रुपए के टैंडर 11 मई को जारी कर दो महीने में काम पूरा करने के निर्देश दिए थे। निर्माण कार्य की अवधि कब की समाप्त हो गई लेकिन सड़क पर काम ना के बराबर हुआ है। आधे अधूरे काम और निर्माण सामग्री इधर उधर पड़ी रहने के चलते जगह जगह कींचड फिसलन गढ्ढे हो चुके हैं बरसात में पानी भरने से स्थित और भी ज्यादा खराब हो गई लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। अधिशासी अधिकारी ने दो जुलाई और 16 जुलाई को संबंधित ठेकेदारों को नोटिस जारी अवश्य किये लेकिन शहंशाह ठेकेदारों ने दोनों नोटिसों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया। और स्थिति दयनीय बनी हुई है। कुछ समय पूर्व ही स्कूली बच्चों से लदी रिक्शा रास्ते में गड्ढे में पलट गई थी जिसमें ढेरों बच्चे बाल बाल बचे थे लेकिन अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी अलबत्ता नोटिस जारी करने की खानापूर्ति अवश्य कर दी गई। स्कूली बच्चों और अभिभावकों का कहना है कि जब योगी सरकार में जिम्मेदारों का ये हाल है तो फिर किसी अन्य लचर सरकार में तो कोई सुनवाई लगभग असंम्भव ही मानी जायेगी।
अधिशासी अधिकारी सेवा राम राजभर ने कहा कि मामला संज्ञान में है। वो स्थिति पर नजर रखे हुए हैं ठेकेदारों को अविलंब गुणवत्ता पूर्ण कार्य समय सीमा के अंतर्गत पूरा करने हेतु निर्देशित किया गया है यदि वे कोताही बरतने से बाज नहीं आते हैं अथवा गुणवत्ता में कमी पाई गई तो उनका भुगतान रोक कर काली सूची में शामिल कर दिया जाएगा,
रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल