आस्था

सर्करारे करवीर (करवीर) देवी शक्तिपीठ 

धर्म चर्चा:सर्करारे करवीर (करवीर) देवी का उल्लेख देवी के एक प्रमुख शक्ति पीठ के रूप में होता है। यह शक्ति पीठ उन 51 शक्ति पीठों में से एक है, जो माता सती के शरीर के अंग गिरने से बने थे। करवीर शक्ति पीठ का संबंध माता सती के तीनों नेत्रों से है। यहां पर देवी के तीन नेत्र गिरे थे और इस स्थान पर माता के रूप में महिषमर्दिनी (जो महिषासुर का वध करने वाली हैं) की पूजा होती है।

करवीर शक्तिपीठ:स्थान: करवीर शक्तिपीठ को महालक्ष्मी मंदिर, कोल्हापुर (महाराष्ट्र) में स्थित माना जाता है। इसे करवीर पीठ या अंबाबाई मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर भारत के प्रमुख शक्ति पीठों में से एक है।

देवी का नाम: यहां की देवी को महिषमर्दिनी या अम्बा के रूप में पूजा जाता है।

भैरव: इस शक्ति पीठ के भैरव को क्रोधेश्वर कहा जाता है।

विशेषता:इस शक्ति पीठ में देवी का रूप अत्यंत शक्तिशाली और महाशक्ति का प्रतीक माना जाता है। यहां देवी को सिद्धिदात्री के रूप में भी माना जाता है जो अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण करती हैं।

माता सती के तीनों नेत्रों का यहां गिरना यह दर्शाता है कि यह स्थान देवी के अद्वितीय दृष्टिकोण और सर्वदृष्टि का प्रतीक है, जो पूरे संसार पर नजर रखती हैं।

यह स्थान देवी भक्तों के लिए अति पवित्र और सिद्धिप्रद माना जाता है, और यहां पर विशेष रूप से महालक्ष्मी की पूजा की जाती है।

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