स्वास्थ्य विभाग की सीलिंग फेल,पहले दिन लगी सील ,दूसरे दिन खुला डेंटल क्लिनिक

औरंगाबाद (बुलंदशहर)स्वास्थ्य विभाग ने जिस क्लीनिक को गैर कानूनी तरीके से चिकित्सा करने के आधार पर सील किया था अगले ही दिन सब कुछ ठीक हो गया। सोमवार को सील किया गया क्लिनिक मंगलवार की सांय धड़ल्ले से खोल लिया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी ने मामले से अनभिज्ञता जताई है।
स्वास्थ्य विभाग में सैटिंग गैटिंग का खेल बेखौफ धड़ल्ले से चल रहा है। आलम यह है कि शासनादेशों की आड़ में अपंजीकृतक्लीनिक संचालकों, अपंजीकृत चिकित्सकों पैथालॉजी लैब, मैडिकल स्टोर झोलाछाप डॉक्टरों आदि से अवैध वसूली करने के बाद खुला संरक्षण दिया जा रहा है। कस्बे में जहांगीराबाद रोड टीचर्स कालोनी में सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के जिला सर्विसलांग अधिकारी डॉ रमित कुमार अपनी टीम के साथ जांच पड़ताल हेतु पहुंचे और दो डेंटल क्लिनिक सील कर दिए। जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ हरेंद्र बंसल से मालूम किया तो उन्होने बताया कि औरंगाबाद कस्बे में अनाधिकृत रूप से बिना पंजीकरण कराये और बिना वैध चिकित्सा प्रमाण पत्र हासिल कर चिकित्सा व्यवसाय करने के आधार पर विजय दांतों का लैब और अस्पताल तथा विजय श्री दांतों का अस्पताल सील किया गया है।
मंगलवार की सांय एक क्लिनिक खोल लिया गया। बताया जाता है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सैटिंग गैटिंग का खेल संपन्न हुआ और क्लीनिक खुल गया। फिलहाल दूसरे क्लीनिक पर सील ज्यों कि त्यों बनी हुई है। कब तक यह सिर्फ सैटिंग गैटिंग करने वाले जाने या फिर भुक्तभोगी जाने।
एक तरफ प्रदेश के मुखिया भृष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति का ढिंढोरा पीट पीट कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं दूसरी ओर भृष्टाचारी दिन दहाड़े सरे आम भृष्टाचार और अवैध कमाई करने से बाज नहीं आ रहे।
सी एम ओ डा सुनील कुमार दोहरे ने कहा कि मुझे प्रकरण की जानकारी नहीं है। नोडल अधिकारी डॉ हरेंद्र बंसल ने कहा कि हमने सील हटाने का कोई आदेश नहीं दिया है। फिर सील कैसे हटाई गई इसका कोई जवाब वे भी नहीं दे सके।
रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल