“कृत्रिम बुद्धिमत्ता और भारतीय ज्ञान परंपरा” पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का सफल समापन

ग्रेटर नोएडा:गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “कृत्रिम बुद्धिमत्ता और भारतीय ज्ञान प्रणाली: चुनौतियाँ और भविष्य की संभावनाएँ” के समापन सत्र का आयोजन उत्साहपूर्वक एवं विद्वतापूर्ण वातावरण में किया गया।
सत्र की शुरुआत प्रो. एस. धनलक्ष्मी के स्वागत भाषण से हुई, जिन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों, प्रतिभागियों और प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और भारतीय ज्ञान परंपरा (IKS) के बीच सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. विश्वास त्रिपाठी ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय संबोधन में तकनीकी विकास को नैतिकता, संस्कृति और भारतीय दृष्टिकोण के साथ जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आयोजकों के प्रयासों की सराहना की जिन्होंने विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों को संवाद के लिए एक साझा मंच प्रदान किया।
मुख्य वक्ता प्रो. गोडाबरीश मिश्र (डीन एवं पूर्व सदस्य सचिव, ICPR) ने भारतीय दर्शन के आलोक में चेतना और बुद्धिमत्ता की गहन व्याख्या प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि भारतीय तर्कशास्त्र और ज्ञानमीमांसा के सिद्धांत नैतिक और मानव-केंद्रित AI के विकास में दिशा प्रदान कर सकते हैं।
सम्मेलन निदेशक एवं एसओबीएससी के अध्यक्ष डॉ. चिंतला वेंकटा सिवासाई ने सम्मेलन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि तीन दिनों तक चले इस सम्मेलन में देश-विदेश के विशेषज्ञों ने शोधपत्र प्रस्तुत किए तथा AI के नैतिक पहलुओं, भारतीय भाषाओं के प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण, मनोविज्ञान, दर्शन और अंतर्विषयक शोध की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।
डॉ. सिवासाई ने सभी अतिथियों, वक्ताओं, प्रतिभागियों, प्रायोजकों और स्वयंसेवकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसने इस बौद्धिक रूप से समृद्ध सम्मेलन की सफल पूर्णता को चिह्नित किया।





