कब्रों पर माथा रगड़ने वाले प्रेतों को और हनुमान गदा धारण करने वाले परमेश्वर को प्राप्त होंगे – दिव्य अग्रवाल (लेखक व विचारक)

आस्था:भगवत गीता में श्री कृष्ण ने कहा है यान्ति देवव्रता देवान् पितृन्यान्ति पितृव्रताः। भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति मद्याजिनोऽपि माम् की यान्ति देवव्रता देवान । । भावार्थ जो देवताओं की पूजा करते हैं वे देवताओं के बीच जन्म लेते हैं, जो पितरों की पूजा करते हैं वे पितरों की योनियों में जन्म लेते है,भूत-प्रेतों की पूजा करने वाले उन्हीं के बीच जन्म लेते है और केवल मेरे भक्त मेरे धाम में प्रवेश करते हैं। अतः सनातन धर्म में जन्म लेकर भी रोजा इफ्तारी करना, मुर्दो की कब्रों पर जाना,इस्लामिक जलसा में जाना,उर्स का उद्घाटन करना यदि किसी हिन्दू नेता के लिए लज्जित करने वाली बात नहीं है तो अपने धर्म का अनुसरण करना, हनुमान जी की गदा को धारण करना निश्चित ही किसी भी हिन्दू पुलिस अधिकारी के लिए गौरव का विषय है । जिन लोगों ने स्वयं जालीदार टोपी धारण कर इस्लामिक समाज का संरक्षक बनना स्वीकार किया उन्हें हनुमान जी की गदा से भय लगना तो स्वाभाविक है। भगवदगीता का अनुसरण करना प्रत्येक हिन्दू का धर्म है और अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जीवन व्यापन करना भारतीय संविधान के अनुसार कोई अपराध नहीं, पुलिस को भी अपने मानव अधिकार प्राप्त हैं जिसको भारतीय संविधान भी अनुमति प्रदान करता है।