दनकौर

गांव अच्छेजा बुजुर्ग की जानी-मानी और सम्मानित शख्सियत, वरिष्ठ अधिवक्ता सलीम अख्तर अब नहीं रहे हमारे बीच

दनकौर:गांव अच्छेजा बुजुर्ग की जानी-मानी और सम्मानित शख्सियत, वरिष्ठ अधिवक्ता सलीम अख्तर अब हमारे बीच नहीं रहे। 23 सितंबर 2025 की शाम लगभग 6:30 बजे उन्होंने ग्रेटर नोएडा के प्रकाश हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। वे पिछले करीब दो महीनों से गंभीर बीमारियों – हार्ड लीवर और फेफड़ों के संक्रमण से जूझ रहे थे। निधन के समय उनकी आयु लगभग 70 वर्ष थी।

पेशेवर और सामाजिक जीवन:सलीम अख्तर साहब ने अपना लंबा जीवन न्याय के क्षेत्र को समर्पित किया। वे कई दशकों से बुलंदशहर कोर्ट और गौतमबुद्ध नगर कोर्ट में सक्रिय रूप से वकालत कर रहे थे। अपने पेशेवर करियर में उन्होंने न केवल मुकदमों की पैरवी की, बल्कि ज़रूरतमंदों को निस्वार्थ भाव से कानूनी मदद भी दी।

वे समाज में ईमानदार अधिवक्ता और गरीबों की आवाज़ के रूप में जाने जाते थे।

राजनीतिक सफर:सलीम अख्तर ने राजनीति में भी अपनी छाप छोड़ी।

वर्ष 2009 में उन्होंने सिकंदराबाद विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी (BSP) के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा।

इसके बाद वर्ष 2022 में वे कांग्रेस पार्टी के टिकट पर सिकंदराबाद से विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे।

हालाँकि चुनावी सफलता भले ही उन्हें न मिली, लेकिन दोनों ही अवसरों पर उन्होंने जनता के बीच मजबूत पहचान बनाई और सामाजिक कार्यकर्ता की तरह सक्रिय रहे।

व्यक्तित्व और योगदान:सलीम अख्तर हमेशा हिंदू-मुस्लिम एकता और सामाजिक सौहार्द के प्रबल पक्षधर रहे। वे अपने गाँव और क्षेत्र में सभी समुदायों को साथ लेकर चलने की मिसाल माने जाते थे। उनका दरवाज़ा हर ज़रूरतमंद के लिए हमेशा खुला रहता था।

उनकी सादगी, निस्वार्थ सेवा भाव और मिलनसार स्वभाव ने उन्हें एक विशेष स्थान दिलाया। गांव अच्छेजा बुजुर्ग और आस-पास के इलाक़े के लोग उन्हें न सिर्फ अधिवक्ता बल्कि समाजसेवी और मार्गदर्शक के रूप में याद करते हैं।

श्रद्धांजलि:सलीम अख्तर के निधन से गांव अच्छेजा बुजुर्ग ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र में गहरा शोक व्याप्त है। उनकी कमी लंबे समय तक खलती रहेगी।

लोक शक्ति उत्थान समिति ,द्रोण रथ व ग्लोबल न्यूज 24×7 मीडिया परिवार भी इस दुखद अवसर पर गहरी संवेदना प्रकट करता है और अल्लाह तआला से दुआ करता है कि उन्हें जन्नतुल फिरदौस में आला मुकाम अता फरमाए, उनके दरजा़त बुलंद करे और उन्हें मग़फिरत बख्शे। आमीन।

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