राष्ट्रीय

त्रिलोकपुरम ग्रीन्स:बिल्डर के यूनीपोल पर यूपीसीडा का ढोल

राजेश बैरागी (स्वतंत्र पत्रकार व लेखक)
ऊपर के चित्र में आमने-सामने खड़े दो यूनीपोल को ध्यान से देखिए।इन दोनों में क्या समानता है? दरअसल यह एक ही यूनीपोल है। ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित गांव गुलिस्तान पुर की भूमि पर यूपीसीडा के साइट सी में बिना किसी अनुमति के लगभग 100 बीघा भूमि पर अवैध रूप से विकसित की जा रही त्रिलोकपुरम आवासीय कॉलोनी के प्रवेश द्वार पर कॉलोनाइजर्स द्वारा लगाए गए इस यूनीपोल पर पहले त्रिलोकपुरम ग्रीन्स और एक मोबाइल फोन नंबर लिखा था। कॉलोनी की वैधता पर प्रश्नचिन्ह लगने लगे तो इस यूनीपोल पर मोटे अक्षरों में यूपीसीडा लिखकर उसके नीचे साइट सी रेसीडेंसियल पॉकेट लिख दिया गया है।ऐसा लिखकर निवेशकों और ग्राहकों को भ्रमित किया जा रहा है। यूपीसीडा द्वारा ऐसे यूनीपोल कहीं पर भी नहीं लगाए गए हैं। इस यूनीपोल को देखकर ऐसा भ्रम पैदा होता है कि यहां बनाई जा रही आवासीय कॉलोनी यूपीसीडा का ही प्रोजेक्ट है।हालांकि बिल्डर के इतने ऊंचे यूनीपोल पर वहीं के प्राधिकरण यूपीसीडा का नाम लोगो सहित इतने बड़े बड़े अक्षरों में लिखा जाना क्या नजरंदाज करने योग्य बात है? क्या इसके बारे में अभी तक यूपीसीडा के अधिकारियों को खबर नहीं हुई होगी? और सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या बिल्डर बगैर शह के ऐसा कर सकता है?सवाल तो और भी हैं ।फिलहाल यह यूनीपोल ताजा सवालों के घेरे में है,

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