ग्रेटर नोएडा

एनसीआर के संस्थानों में वैज्ञानिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे के कुशल साझाकरण पर जोर- कुलपति जीबीयु

ग्रेटर नोएडा:गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके सिन्हा ने आज स्कूल ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित तीन दिवसों कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कहा कि बेहतर वैज्ञानिक विकास के लिए एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के संस्थानों को अपने बुनियादी ढांचे का कुशल साझाकरण करना चाहिए। प्रो. सिन्हा ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह कार्यशाला जीबीयू को क्षेत्रीय ज्ञान केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो छात्रों को आणविक जीवविज्ञान के कौशल में प्रवीण बनाने के लिए काम करेगा।

जीबीयू के स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी द्वारा 19 से 21 नवम्बर 2024 तक आयोजित तीन दिवसीय पाठ्यक्रम “जेल टू जीन: मास्टरिंग पीसीआर, प्राइमर डिज़ाइन और इलेक्ट्रोफोरेसिस” का उद्घाटन आज किया गया। इस कार्यशाला में आणविक जीवविज्ञान के महत्वपूर्ण तकनीकों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

मुख्य अतिथि, डॉ. मौसमी भारद्वाज, वैज्ञानिक-जी और प्रमुख, आणविक जीवविज्ञान समूह, एनआईसीपीआर नोएडा (ICMR) ने अपने संबोधन में क्षेत्र में जैव प्रौद्योगिकी छात्रों के कौशल को मजबूत करने के साथ-साथ सहकारी अनुसंधान और अकादमिक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. भारद्वाज ने कहा कि इस प्रकार के प्रयास क्षेत्र को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

कार्यशाला में सभी आगंतुकों एवं अतिथियों का स्वागत जीबीयू विश्वविद्यालय स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के डीन, प्रो. एन.पी. मेलकानिया ने किया। कार्यशाला के आयोजन सचिव, डॉ. नागेंद्र सिंह ने समकालीन चिकित्सा और पर्यावरण संदर्भ में आणविक जीवविज्ञान की विधियों की महत्वता को रेखांकित किया।

इस कार्यशाला में भाग लेने वाले 30 प्रतिभागियों को पीसीआर (पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन), प्राइमर डिज़ाइन, एगरोज़ जेल इलेक्ट्रोफोरेसिस और डीएनए संबंधित तकनीकों में व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा, जो उनके प्रयोगशाला कौशल में सुधार करेगा और भविष्य में उनके करियर को नया आकार देगा।

इस कार्यशाला में प्रशिक्षक के रूप में डॉ. इम्तेयाज कमर, डॉ. विक्रांत नैन, डॉ. रेखा पुरिया, डॉ. दीपाली सिंह और अन्य विशेषज्ञ मौजूद हैं।

कार्यशाला के समापन सत्र में बायोटेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. रेखा पुरिया ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया और कार्यक्रम का समापन किया।

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