
बुलंदशहर : विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर एनसीडी क्लिनिक में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया। जहां लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी।
बुलंदशहर के एनसीडी क्लिनिक में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत के तहत संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ नोडल राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ. रामित कुमार सिंह, मनोचिकित्सक डॉ. धीरेंद्र प्रताप सिंह, सहायक प्राध्यापक, मनोचिकित्सा डॉ. विवेक गुप्ता, चिकित्सा अधिकारी डॉ. परवेज़ आलम ने संयुक्त रूप से किया। संगोष्ठी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के नोडल डॉ. रामित कुमार सिंह ने कहा कि पारिवारिक मेल-जोल बढ़ाने, एक साथ भोजन करने, घर में मोबाइल का उपयोग सीमित करने और परिवार को समय देने पर ज़ोर दिया। डॉ. विवेक गुप्ता ने कहा आत्महत्या के कारणों पर ध्यान केंद्रित करते हुए मानसिक स्वास्थ्य के पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, “आत्महत्या रोकी जा सकती है। यदि हम मिलकर एक-दूसरे की बात सुनें, सहारा दें और समय पर मदद करें तो कई ज़िंदगियाँ बचाई जा सकती हैं।” डॉ. परवेज़ आलम ने मधुमेह और उच्च रक्तचाप (डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन) के मरीजों में मानसिक स्वास्थ्य सुधारने पर विशेष ध्यान देने की बात कही। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने Tele MANAS हेल्पलाइन नंबर 14416 साझा किया, और बताया कि इस नंबर पर कॉल कर कोई भी व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परामर्श और सहायता प्राप्त कर सकता है। कार्यक्रम के दौरान सभी प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के संदेश को आमजन तक पहुँचाएंगे।
रिपोर्टर उपेंद्र शर्मा