डॉ सुमित्रा से जानेंगे की आंख के नष्ट हो जाने पर कृतिम आंख लगाना क्यों जरुरी है
कृत्रिम आँख बनवाने के कई फायदे होते हैं, जिनमें सौंदर्यात्मक, मनोवैज्ञानिक, और शारीरिक लाभ शामिल हैं। यहाँ कुछ प्रमुख फायदे दिए गए हैं:
सौंदर्यात्मक फायदे
स्वाभाविक रूप: कृत्रिम आँख प्राकृतिक आँख की तरह दिखती है, जिससे चेहरे का संतुलन और सुंदरता बरकरार रहती है।
आत्मविश्वास में वृद्धि: प्राकृतिक आँख की तरह दिखने वाली कृत्रिम आँख व्यक्ति को आत्मविश्वास और आत्मसम्मान प्रदान करती है।
सामाजिक स्वीकार्यता: कृत्रिम आँख के उपयोग से व्यक्ति सामाजिक रूप से अधिक स्वीकार्य महसूस करता है, जिससे सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने में आसानी होती है।
मनोवैज्ञानिक फायदे
मानसिक शांति: खोई हुई आँख के कारण उत्पन्न मानसिक तनाव और चिंता कम होती है।
सामाजिक पहचान: कृत्रिम आँख के उपयोग से व्यक्ति अपनी सामाजिक पहचान को बनाए रखता है और अपनी सामान्य गतिविधियों में भाग लेने में सहज महसूस करता है।
शारीरिक फायदे
सॉकेट का स्वास्थ्य: कृत्रिम आँख आँख के सॉकेट को भरकर उसे स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है, जिससे सॉकेट का आकार और संरचना बनाए रखी जा सके।
आँख के मांसपेशियों का विकास: सही ढंग से फिट की गई कृत्रिम आँख सॉकेट के मांसपेशियों को सक्रिय रखती है, जिससे सीमित रूप में आँख की गति संभव हो सकती है।
आँख के द्रव का सामान्यीकरण: कृत्रिम आँख आँख के सॉकेट में आँसू और अन्य तरल पदार्थों के सामान्य प्रवाह को बनाए रखने में मदद करती है।
कार्यात्मक फायदे
आँख की सुरक्षा: कृत्रिम आँख आँख के सॉकेट को धूल, गंदगी और अन्य बाहरी तत्वों से सुरक्षित रखती है।
आराम और सहजता: अच्छी तरह से फिट की गई कृत्रिम आँख व्यक्ति को दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में आराम और सहजता प्रदान करती है।
कुल मिलाकर
कृत्रिम आँख का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के चेहरे की प्राकृतिकता को बनाए रखना, आत्मविश्वास बढ़ाना, और सॉकेट के स्वास्थ्य को बनाए रखना है। यह न केवल सौंदर्यात्मक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से भी लाभकारी है,