ग्रेटर नोएडा

आप सभी में भारत के लिए ओलंपिक में गौरव बढ़ाने की क्षमता- विजेंदर सिंह

गलगोटिया विश्वविद्यालय में चौथी सब-जूनियर राष्टीय बॉक्सिंग चौंपियनशिप में देश भर से प्रतिभागियों का जमावडा

ग्रेटर नोएडा:गलगोटिया विश्वविद्यालय ने चौथी सब-जूनियर बालक एवं बालिका राष्ट्रीय बॉक्सिंग चौंपियनशिप 2025 के भव्य उद्घाटन समारोह की मेज़बानी कर एक बार फिर खेलों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया। यह प्रतियोगिता 7 अगस्त से 13 अगस्त 2025 तक आयोजित की जा रही है।

इस अवसर पर ओलंपियन, प्रोफेशनल बॉक्सर, पद्मश्री एवं अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित श्री विजेंदर सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करते हुए कहा कि यह भारतीय बॉक्सिंग के लिए गर्व का क्षण है। यहां बैठे प्रतिभागियों में से कोई न कोई भविष्य में भारत का ओलंपिक पदक विजेता बनेगा।

विजेंदर सिंह ने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए खिलाड़ियों को सिखाया कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन कोच का सम्मान और लगातार प्रयास ही सफलता की कुंजी है।

उन्होंने आगे कहा कि हर हार के बाद ही जीत मिलती है। अपने अनुभव साझा करते हुये उन्होने कहा मेरे अंदर जब आत्मविश्वास आया तो मैंने जर्मनी में अपना पहला सब-जूनियर मेडल जीता।

उन्होंने यह भी बताया कि गलगोटिया विश्वविद्यालय खिलाड़ियों को प्रायोजित करता है और बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति भी प्रदान करता है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि खेल न केवल अनुशासन और आत्मविश्वास सिखाते हैं, बल्कि देश के लिए सम्मान अर्जित करने का भी माध्यम हैं। हमें गर्व है कि हम ऐसे आयोजनों के माध्यम से युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

श्री मनोज कुमार अर्जुन अवार्ड और कामनवेल्थ में स्वर्णपदक विजेता ने भी छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि जिंदगी में कभी हार नहीं माननी चाहिए। जो उद्देश्य और लक्ष्य के साथ 1999 से 2021 तक खुद को भारतीय टीम में बनाए रख सका, आप भी वो कर सकते हैं। उन्होंने एक प्रेरणादायक कविता के माध्यम से युवाओं समझाया

स्पाइसजेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय सिंह विश्वविद्यालय की मेज़बानी के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और बताया कि इस चौंपियनशिप में 750 से अधिक बॉक्सर, जिनमें 200 एथलीट भाग ले रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी रैंकिंग को 44वें स्थान से 4वें स्थान तक पहुंचाया है, जो खेलों में देश की प्रगति का प्रमाण है।

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