राजनीति

लखनऊ में उमड़ा देशभक्ति का सैलाब, जनमानस में जागा नवसंस्कार का उत्साह

“भारत स्वाभिमान रथ यात्रा” — राष्ट्रगौरव और आत्मजागरण का नवप्रभात

लखनऊ:भारत राष्ट्रीय सेवक संघ के तत्वावधान में संचालित “भारत की मिट्टी – भारत स्वाभिमान क्रांति रथ यात्रा” ने आज अपने 11वें दिवस पर शाहजहाँपुर से प्रस्थान कर लखनऊ में प्रवेश किया। राजधानी की धरती पर पहुँचते ही यह रथ यात्रा जनसैलाब में बदल गई — सड़कों पर उमड़ते नागरिक, हाथों में तिरंगा, और वातावरण में गूंजते जयघोष “भारत माता की जय” तथा “वंदे मातरम्” ने पूरे नगर को देशभक्ति के रंग में रंग दिया।

3 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली के ऐतिहासिक जंतर मंतर से प्रारंभ हुई यह यात्रा अब तक अनेक जनपदों में राष्ट्रचेतना का संदेश प्रसारित कर चुकी है। यह जनयात्रा 15 अक्टूबर को भारत–नेपाल सीमा (बहराइच) पर अपने भव्य समापन पर पहुँचेगी, जहाँ यह आत्मगौरव, एकता और राष्ट्रनिर्माण का अमर संदेश अंकित करेगी।

यह रथ यात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि राष्ट्र नवजागरण का समर्पित संकल्प है — जो प्रत्येक भारतीय के अंतर्मन में कर्तव्य, अनुशासन, और मातृभूमि के प्रति निष्ठा का दीप प्रज्वलित कर रही है। इस अभियान का उद्देश्य नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण, सांस्कृतिक पुनर्जागरण, सामाजिक समरसता और आत्मसम्मान की भावना को सशक्त करना है।

यात्रा के प्रत्येक पड़ाव पर भव्य जनसभाएँ, संवाद गोष्ठियाँ और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ देश की विविधता और एकता का अद्भुत संगम प्रस्तुत कर रही हैं। वक्ताओं ने भारतीय संस्कृति, स्वच्छता, सामाजिक उत्तरदायित्व और राष्ट्रीय एकता के आदर्शों पर प्रकाश डालते हुए युवाओं से राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। विद्यार्थियों, शिक्षकों, महिलाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की व्यापक भागीदारी ने इस रथ यात्रा को एक सशक्त लोकआंदोलन का रूप दे दिया है।

लखनऊ में नागरिकों ने रथ का स्वागत पुष्पवर्षा, तिलक और गगनभेदी नारों से किया। नगर की गलियाँ राष्ट्रीय रंगों से सजी थीं और हर चेहरा भारतभक्ति की आभा से दमक रहा था। इस अवसर पर धीरज, सतपाल, उदयवीर, अशोक, भोला, पवन हरसाना, जैदी, दीपक, श्याम, राजीव त्यागी, कामेंद्र, शीशपाल, गंगानन्द गिरी, अभिषेक सिंह सहित सैकड़ों कार्यकर्ता एवं नागरिक उपस्थित रहे, जिन्होंने एक स्वर में उद्घोष किया — “भारत स्वाभिमान अमर रहे!”

भारत राष्ट्रीय सेवक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. विनोद नागर के प्रेरक नेतृत्व में संचालित यह यात्रा आज राष्ट्र के कोने-कोने में आत्मगौरव, अनुशासन और राष्ट्रप्रेम की भावना का संचार कर रही है। निश्चय ही, जब यह यात्रा 15 अक्टूबर को बहराइच पहुँचेगी, तब तक यह नवभारत के पुनर्जागरण की सशक्त नींव स्थापित कर चुकी होगी।

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