गलगोटिया विश्वविदयालय में ग्लोबल रिसर्च को मिला नया मंच
"तकनीक का भविष्य अब स्थायी और बुद्धिमत्तापूर्ण समाधानों से तय होगा" - डॉ. मोहम्मद रिहान

ग्रेटर नोएडा: “तकनीक का भविष्य अब स्थायी और बुद्धिमत्तापूर्ण समाधानों से तय होगा,” यह बात डॉ. मोहम्मद रिहान, निदेशक, NISE, गुरुग्राम एवं चेयर इलेक्ट, IEEE UP सेक्शन ने गलगोटियास विश्वविदयालय में 2025 IEEE 7वीं इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन कंप्यूटिंग, कम्युनिकेशन एंड ऑटोमेशन (ICCCA) आयोजन के मौके पर बोला। गलगोटिया विश्वविदयालय में ICCCA, तीन दिवसीय यह वैश्विक आयोजन कंप्यूटिंग, संचार प्रौद्योगिकियों, ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उभरते इंजीनियरिंग क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान को समर्पित है।
ICCCA को वैश्विक स्तर पर असाधारण प्रतिक्रिया मिली है। सम्मेलन के लिए 2,278 रिसर्च पेपर प्राप्त हुए, जिनमें से 438 पेपर स्वीकार किए गए, और 430 पेपर प्रस्तुति के लिए पंजीकृत किए गए। यह आंकड़ा सम्मेलन की मजबूत शैक्षणिक प्रतिष्ठा और कठोर समीक्षा मानकों को दर्शाता है। यह सम्मेलन IEEE इंडस्ट्री एप्लीकेशन्स सोसाइटी (IEEE IAS) और IEEE उत्तर प्रदेश सेक्शन द्वारा वित्तीय और तकनीकी रूप से प्रायोजित है, जो इसकी विश्वसनीयता और वैश्विक कद को और मजबूत करता है।
गलगोटियास विश्वविदयालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने संस्थान के वैश्विक दृष्टिकोण और अनुसंधान उत्कृष्टता के प्रति समर्पण पर बल दिया। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य छात्रों और शोधकर्ताओं को एक ऐसा मंच प्रदान करना है, जहाँ वे वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए अगली पीढ़ी की तकनीकों का नवाचार कर सकें।”
सम्मेलन में एक महत्वपूर्ण पड़ाव गलगोटियास विश्वविदयालय और CCRI, एशिया यूनिवर्सिटी, ताइवान के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर रहा। CCRI, एशिया यूनिवर्सिटी, ताइवान के निदेशक, प्रो. बृज बी. गुप्ता ने इस परिवर्तनकारी साझेदारी के लाभों को रेखांकित किया। यह अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान सहयोग, शैक्षणिक आदान-प्रदान और संयुक्त नवाचार की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकीविदों ने अपने विचार साझा किए, जिनमें शामिल हैं: डॉ. विजय केतन पाणिग्राही, प्रोफेसर, IIT दिल्ली और IEEE फेलो; प्रो. आशीष कुमार, MNNIT प्रयागराज; डॉ. राजीव कुमार सिंह, IIT BHU एवं सचिव, IEEE UP सेक्शन; श्री संदीप जैन, उप सचिव, शिक्षा मंत्रालय (उच्च शिक्षा विभाग); और डॉ. हरिवर्धागिनी सुभद्रा, WIE सदस्य, IEEE।
दो विशिष्ट वक्ताओं ने प्रौद्योगिकी के भविष्य पर अपना वैश्विक दृष्टिकोण साझा किया: प्रो. अयमान ईएल-रेफाई, IAS प्रेसिडेंट 2025–2026 और प्रो. हिरोनोरी वाशिज़ाकी, IEEE कंप्यूटर सोसाइटी प्रेसिडेंट 2025।
इस महत्वपूर्ण आयोजन के दौरान, विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो-वाइस चांसलर और विभिन्न डीन सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए, जिससे सम्मेलन के महत्व और व्यापकता को बल मिला।






