पुस्तक समीक्षा:आर्य समाज के साथ देश दुनिया से परिचित कराती ‘सत्य पथ’
राजेश बैरागी (वरिष्ठ पत्रकार)
आर्य महावीर सिंह भाटी और इतिहासकार डॉ राकेश आर्य के संयुक्त उद्यम से प्रकाशित पुस्तक ‘सत्य पथ’ का द्वितीय संस्करण बहुत प्रेरणाप्रद तथा ज्ञानवर्धक है। इसे ग्रेटर नोएडा के तिलपता गांव स्थित सत्य सनातन वैदिक यज्ञशाला एवं पुस्तकालय द्वारा प्रकाशित किया गया है। लेखक आर्य महावीर सिंह भाटी ने इस पुस्तक को अपने पिता स्वर्गीय प्रधान वेदराम सिंह को समर्पित किया है। पुस्तक में आर्य समाज की महान शिक्षाओं को तो स्थान दिया ही गया है, आर्य समाज के ध्वज वाहकों का भी भरपूर स्मरण है। पेपरबैक में 190 पृष्ठों में मुद्रित इस पुस्तक में 37 अध्याय हैं। लेखक और संपादक का मुख्य ध्येय आर्य सनातन वैदिक धर्म की उच्च परंपराओं को स्थापित करने तथा सत्य सनातन हिन्दू धर्म में पैदा हुए विकारों को दूर करने का रहा है।महान गुर्जर भाटी गौत्र की वंशावली को एक नक्शे के माध्यम से प्रस्तुत करने से इस पुस्तक की उपयोगिता कई गुना बढ़ गई है। दिल्ली पुलिस सेवा में रहे आर्य महावीर सिंह भाटी और उनका समूचा परिवार दादा परदादा के समय से आर्य समाज की सेवा करता रहा है। इसी प्रकार संपादक इतिहासकार डॉ राकेश आर्य और उनका परिवार भी क्षेत्र में आर्य समाज के एक स्तम्भ के रूप में जाना जाता है। पुस्तक में शामिल ब्रह्मपाल पायलट, सुदेश प्रधान, आर्य भीम सिंह वकील,रहीसराम भाटी, जसवीर आर्य, कैप्टन अर्जुन सिंह आदि विचारकों के लेखों/भजन आदि से पुस्तक समृद्ध हुई है। निस्संदेह यह पुस्तक न केवल पठनीय है अपितु संग्रहणीय भी है,