बुलडोजर की चेतावनी लाई रंग प्रशासन के कड़क तेवरों के चलते हटाया अवैध अतिक्रमण
औरंगाबाद में पहली बार अवैध अतिक्रमण हुआ ध्वस्त

औरंगाबाद( बुलंदशहर )जिलाधिकारी श्रुति शर्मा के निर्देश पर राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार हैमंत सिंह ने बुधवार को नगर पंचायत औरंगाबाद की चारागाह भूमि पर अवैध अतिक्रमण की जांच कर दबंग अवैध कब्जे दारों को अवैध निर्माण स्वयं हटाने की चेतावनी देते हुए स्पष्ट कहा कि अवैध निर्माण स्वयं ना हटाने की स्थिति में बुलडोजर चलवाकर प्रशासन स्वयं अतिक्रमण ध्वस्त करायेगा।
गुरुवार को अवैध निर्माण हटना शुरू हो गया। औरंगाबाद के इतिहास में पहली बार किसी अवैध निर्माण को इतनी तीव्र गति से ध्वस्त कराने की कार्रवाई अमल में लाई गई है ।
जिलाधिकारी श्रुति शर्मा को तहसील दिवस में एक शिकायत नगर पंचायत औरंगाबाद की चारागाह ज़मीन गाटा संख्या 211 में लगभग चार सौ गज बेशकीमती करोड़ों की जमीन पर एक भाजपा नेता और नगर पंचायत के एक सभासद की मिली भगत से अवैध निर्माण कर सरकारी भूमि हड़पने की शिकायत मिली। प्रायः देखा जाता है कि अवैध कब्जे की शिकायतें लगातार अधिकारियों की टेबलों पर महीनों इधर से उधर घूमती रहती हैं और उनका हश्र यह होता है कि अवैध कब्जा करने वाले जांच करने वाले लेखपाल और राजस्व विभाग के कमाऊ भृष्ट अधिकारियों की जेब गरम करके ना केवल सरकारी जमीनों पर कब्जा बरकरार रखने में सफल होते हैं बल्कि अपने पैसे और राजनीतिक असर के दम पर शिकायत कर्ता को ठेंगा दिखाते नजर आते हैं।
लेकिन इस मामले पर त्वरित संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार औरंगाबाद हेमंत सिंह को राजस्व विभाग और नगर पंचायत की संयुक्त टीम को साथ लेकर मौके पर जाकर निष्पक्ष जांच करने और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा हटवाने के कड़े निर्देश दिए। नायब तहसीलदार ने पहले की भांति रिकार्ड देखने, जांच करने, कागजात तलब करने, नोटिस जारी करने जैसे टालू रवैए को दरकिनार करते हुए मौके पर अभिलेख दिखाने को कहा । साथ ही भूमि सरकारी पाते ही अवैध कब्जा करने वालों के तमाम रसूखदारों की एक ना सुनते हुए स्पष्ट रूप से अवैध निर्माण स्वयं हटाने अथवा बुलडोजर चलवा कर ध्वस्त करा देने और एफ आई आर दर्ज कराने की कड़ी चेतावनी दे दी। साथ के तमाम छुटभैय्ए नगर पंचायत के सहयोगी और नेता सभासद सब देखते रह गए।
गुरुवार को अवैध निर्माण हटना शुरू हो गया। औरंगाबाद कस्बे में इतनी तीव्र गति से अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण का पहला मामला देख अन्य अवैध कब्जे दारों के कान भी खड़े हो गए हैं।अब वो अपने राजनीतिक आकाओं की शरण में पहुंचने को बेताब नजर आ रहे हैं।
रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल