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भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति ने की विचार गोष्ठी

दनकौर:आज भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति की विचार गोष्ठी ग्राम रौनीजा में हुई जिसकी अध्यक्षता टीकम सिंह ने व संचालन गजब सिंह ने किया विचार गोष्ठी में भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति का 19-20-21जनवरी को प्रयाग राज में लगने जा रहा राष्ट्रीय शिविर में राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्यौराज सिंह की तरफ़ से अधिक से अधिक पहुने की अपील की गई तथा नव वर्ष में 3 जनवरी  को भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति की वार्ता वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण गौतम बुद्ध नगर में होगी जिस में निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार किया गया

1- यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र का संपूर्ण किसान यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में पुस्तैनी माना जाए। 2- यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र के किसानों का मूल मुआवजा जेवर एयरपोर्ट के किसानों के बराबर किया जाए तथा जेवर एयरपोर्ट के ब्याज में 7℅ आवासीय प्लाट दिया जाए।

3- मुर्दा मवेशी प्लांट की व्यवस्था की जाए। तथा मुर्दा मवेशी का टेंडर भी छोडा जाए।

4- यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में चल रही औद्योगिक गतिविधियों में सर्वप्रथम उनको वरीयता दी जाए जिनकी संपूर्ण भूमि अधिग्रहित हो चुकी है या लघु एवं सीमांत किसान हो गये हैं। जिसके लिए प्राधिकरण में ही फार्म भरने हेतु एकल खिड़की की व्यवस्था की जाए।

5- प्रत्येक गाँव में ओपन जिम की व्यवस्था हो तथा सुबह भ्रमण के लिए ट्रेक बनाये जाएं ताकि घूमने वालों को जान माल के खतरे से दूर रखा जाए।

6- खेल कूद में शौक रखने वाले युवाओं के लिए खेल कूद के लिए कोच सेंटर व मिनी स्टेडियम की व्यवस्था की जाए।

7- एक स्किल यूनिवर्सिटी तथा ई एस आई अस्पताल की व्यवस्था हो तथा प्रस्तावित नये थानों पर कार्य शुरू करा दिया जाए।

8- चुंकि गाँव आज भी गाँव ही हैं भले ही यीडा महानगर की घोषणा हो गई हो इसलिए गाँव के घरों की घरोंनी या मकानी तैयार कराई जाए।

9- यमुना एक्सप्रेस वे के लिए सर्वप्रथम जमीन अधिग्रहण की गई थी परंतु 7℅ आवासीय प्लाट की व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाई है इस पर गंभीरता से विचार किया जाए।

10- सभी गाँव की पुरानी आबादियों का निस्तारण किया जाए चाहे अधिग्रहण हो या पुनर्ग्रहण की गई हों।

11- अब से आगे सभी गाँव का ड्रोन सर्वे कराया जाए तथा गाँव का पुराना लाल डोरा बहुत ही छोटा है अतः जहाँ तक गाँव की आबादी है वहाँ तक सर्वे करा कर लाल डोरा निश्चित किया जाए।

12- ट्रामा सेण्टर और उसके साथ अस्पताल के काम में तेजी लाई जाए।

13- जेवर -टप्पल तक सर्विस रोड़ व रबूपुरा जेवर मार्ग पर काम शुरू कराया जाए।

14- जेवर कस्बे का बाईपास बनवाया जाए तथा सभी कस्बों का सीमा विस्तार कराया जाए।

15- यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के किसानों के लिए तथा जेवर एयरपोर्ट के किसानों के लिए कामर्शियल व आवासीय योजना का लाभ दिया जाए तथा एक दो योजना अपने ही किसानों के लिए लाई जाए।

16- जिन किसानों की जमीन 2009-10-11 में अधिग्रहण हुई और किसी कारण वश मुआवजा नहीं उठा पाए पार्ट पेमेंट की वजह हो या आपसी विवाद कोई भी कारण रहा हो, उनका मूल मुआवजा कोर्ट में जज साहब के खाते में एवार्ड करके डाल दिया गया और एवार्ड मूल मुआवजे से कम में किया गया उनकी अंतर धनराशि का पैसे के भुगतान का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पास करा लिया है परंतु यमुना विकास प्राधिकरण में 11/1व11/2 के अंतर धनराशि का पास नहीं हुआ है लगभग दो वर्ष से लगातार हम कहते चले आ रहे हैं पास कराया जाए।

17- 7℅ आवासीय प्लाट में पेमेंट राशि जमा करने के लिए कम से कम 1 से दो वर्ष का समय रखा जाए और अगर उसमें भी किस्त का प्रावधान हो जाए तो और बेहतर रहेगा। चूंकि किसान प्राधिकरण के विकास कार्य को आगे बढाने में मुख्य भूमिका रहती है इसलिए जितनी भी अधिक से अधिक सुविधा हो जाए अच्छा रहेगा।

18- एक अंतरराज्यीय बस अड्डा प्रस्तावित है उस पर तेजी से काम करने के लिए विभाग को पत्राचार किया जाए।

19- दुग्ध उत्पादन के लिए गाजीपुर डेरी फार्म की तर्ज़ पर पशुओं के पालन हेतु डेरी फार्म योजना लाई जाए।

20- तालाबों पर अतिक्रमण हटाने व उनके सोंदर्य करण की योजना में तेजी से काम किया जाए।

21- प्रत्येक गाँव में सामुदायिक भवन ,खेल मैदान, ओपन जिम, शमशान प्रस्तावित किए जाएं तथा शमशान में बिजली पानी की व्यवस्था शुचारू रूप से रखने का प्रस्ताव किया जाए तथा प्रत्येक शमशान में अलग से टीन शेड भी रखा जाए।

22- जो कमी पिछली बार आर एण्ड आर व्यवस्था में रह गई थी उसमें और अधिक सुधार किया जाए तथा प्रथम चरण के शेष किसान जिनको आर एण्ड आर का लाभ नहीं मिला उन सभी को दिया जाए।

23- जेवर एयरपोर्ट के किसानों के लिए अलग से आवासीय और कामर्शियल योजना तथा रोजगार की व्यवस्था शुचारू रूप से की जाए।

24- जिन किसानों की जमीन जून 2011 के बाद यमुना विकास प्राधिकरण में अधिग्रहण हुई थी और उनको वार्षिकी के तहत लघु सीमांत व भूमि हीन किसानों को लाभ दिया जाना था लगभग जिनको 33 साला का लाभ मिला है उन सभी लघु सीमांत व भूमि हीन हुए किसानों को जो आज तक नहीं मिल पाया है और न ही तहसील से लघु सीमांत व भूमि हीन हुए किसानों की रिपोर्ट तहसील से लग कर आई है बड़ा ही दुर्भाग्य है।

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