मोहर्रम में हुए उपद्रव भारत के इस्लामीकरण का प्रमाण है – दिव्य अग्रवाल (लेखक एवं विचारक)

मोहर्रम के जुलुस में या हुसैन और अल्लाह हु अकबर के नारो के साथ जुलुस निकाले गए जिसके चलते अनेको स्थानों पर अवैध रूप से शस्त्र प्रदर्शन के साथ साथ उपदर्वी घटनाएं भी घटित हुई। समझ से परे है की क्या इस्लामिक देशो में सनातनी मान्यताओं की शांतिपूर्ण शोभा यात्रा निकाली जा सकती है , शायद नहीं बिलकुल नहीं जब भारत में ही रामनवमी , हनुमान जयंती और नवरात्रि की शोभा यात्राओं पर मजहबी समाज पत्थरबाजी,तलवारबाजी,पैट्रोल बमबाजी करते हैं तो इस्लामिक देशो में तो सम्भव ही नहीं हाँ इस्लामिक जनसँख्या के दवाब के कारण कर्बला का मातम भारत में अवश्य मनाया जाता है सिर्फ मनाया ही नहीं जाता अपितु अवैध शस्त्रों के प्रदर्शन के साथ मजहबी भीड़ , गैर इस्लामिक समाज को अपने संख्या बल की ताकत दिखाकर भयभीत करने का प्रयास भी करती है । सेकुलर राष्ट्र के नाम पर भारत का इस्लामीकरण हो रहा है और भारत के गैर इस्लामिक समाज के पास मूकदर्शक बने रहने के अतिरिक्त कोई मार्ग नहीं । एक मार्ग था भगवद गीता का अनुसरण , संतान और वैधानिक शस्त्र शक्ति का अनुपालन परन्तु उस मार्ग का त्याग कर गैर इस्लामिक समाज भोग विलास , पाश्चात्य जीवन शैली की लिप्सा में लिप्त होकर पतन के मार्ग पर अग्रसारित है ।