विचार

फिगर मेंटेन और लैविश लाइफ की बीमारी, सनातनी वंश एवं राष्ट्र दोनों के लिए घातक – दिव्य अग्रवाल (लेखक व विचारक)

भारत का हिन्दू, धार्मिक दृष्टि से अपना राष्ट्र खो चूका है और इस सत्य की जानकारी राजनेताओं और तथाकथित धर्मगुरुओं को पूर्ण रूप से है इसलिए हिन्दू समाज के लिए कोई भी ठोस कार्य क्रियान्त्वित नहीं हो रहा जिसका दोषी स्वयं हिन्दू समाज है। ऐसी महिला जो चाहती हैं की उनकी फिगर खराब न हो ,जीवन में किसी खर्चे की कमी न हो, ऐसे पुरुष जो चाहते हैं की लग्जीरियस और लैविश लाइफ हेतु ज्यादा से ज्यादा संसाधन हों , ऐसे दंपत्ति या तो बच्चा ही नहीं कर रहे या अपनी वृद्ध अवस्था में सेवा हेतु मात्र एक बच्चा कर रहे हैं और वह भी कब जब आयु ३५ या ४० वर्ष की हो जाए जबकि इसके विपरीत इस्लाम में युवा अवस्था में बच्चो को जन्म देने की प्रकिर्या आरम्भ हो जाती है। इस्लामिक जनसँख्या की गड़ना से भारत विश्व का सबसे बड़ा इस्लामिक देश बनने वाला है जिसके प्रमाणिक आंकड़ें सार्वजानिक भी हो चुके हैं । हिन्दू समाज जिन एक एक संतानों को जन्म दे रहा है जब उनके भाई बहन आदि रिश्ते नाते नहीं होंगे तो उनकी सुरक्षा करेगा कौन । हिन्दू समाज की महिलाओं को यदि अपने वंश बेल को सुरक्षित करना है तो कम से कम चार बच्चों को जन्म देना होगा अन्यथा एक तरफ तो हिन्दुओ की घटती जनसंख्या और दूसरी तरफ छुंगूर जैसे इस्लामिक मौलाना जो हजारों हजार हिन्दुओ का धर्म परिवर्तन करवाने में सक्षम हैं और बढ़ती इस्लाममिक जनसँख्या,भारत को बहुत जल्द इस्लामिक राष्ट्र बना देगी तत्पश्चात लोकतांत्रिक संविधान और हिन्दुओ की धन सम्पदा कैसे मटियामेट होगी इसका प्रमाण बांग्लादेश में देखा जा सकता है। जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी इस्लाम सिर्फ इस सिद्धांत पर चल रहा है।
अब भी समय है हारी लड़ाई को जीता जा सकता है हिन्दुओ को अपनी जनसँख्या में वृद्धि करनी होगी अन्यथा भेड़िये मिलकर शेर का भी शिकार कर लेते हैं और अकेला व्यक्ति कभी शेर भी नहीं होता।

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