साहित्य जगत

‘महिला श्री साहित्य साधना सम्मान’ से सम्मानित हुई विजय लक्ष्मी

सारस्वत सभागार में आयोजित हुई कवि गोष्ठी

प्रयागराज : ‘महिला श्री साहित्य साधना सम्मान’ का पाँचवा साहित्यिक अलंकरण समारोह आज दिनांक 25 जुलाई 2025, दिन शुक्रवार, समय अपराह्न 04 बजे सारस्वत सभागार, लूकरगंज में संपन्न हुआ। इसकी अध्यक्षता मारूफ शाइर अनवार अब्बास, मुख्य अतिथि कल्पना वर्मा, प्रोफेसर रवि मिश्र, डाक्टर आदित्य नारायण सिंह रहे।

इस वर्ष यह सम्मान प्रयागराज की वरिष्ठ कवियत्री विजय लक्ष्मी ‘विभा’ को संस्था के द्वारा प्रदान किया गया। इसके पूर्व रचना सक्सेना ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। यह सम्मान शहर समता सम्पादक व कवि, लेखक उमेश श्रीवास्तव की पत्नी साधना श्रीवास्तव के नाम से दिया जाता है। इसमें पाँच हजार रुपए का चेक, सम्मान पत्र, पदक तथा अंगवस्त्रम् अध्यक्ष तथा अतिथियों द्वारा दिया गया।

इस सम्मान की नींव संस्था के द्वारा सन् 2021 में रखी गई थी। इसके पूर्व सन् 2021 में अहिन्दी क्षेत्रवासी शिलांग की हिन्दी भाषा के प्रति विशेष लगाव रखने वाली वरिष्ठ कवियत्री डॉ० अनीता पाण्डा, सन् 2022 में कानपुर की वरिष्ठ कवियत्री सीमा वर्णिका को, सन् 2023 में प्रयागराज की कवियत्री रचना सक्सेना एवं सन् 2024 में सुमन ढ़ीगरा दुग्गल को उनके साहित्यिक योगदान के लिए प्रदान किया गया था। “महिला श्री साहित्य साधना सम्मान” में साधना मात्र एक शब्द नहीं है बल्कि यह साहित्य साधक उमेश जी की जीवनसाथी रही हैं। वह साहित्यकार नहीं थीं लेकिन पुस्तकों से उन्हें बेहद स्नेह था। गद्य एवं पद्य दोनों विधाओं की पारखी थीं। साहित्यिक चर्चा में कलापक्ष एवं भाव पक्ष में प्रौढ़ता झलकती थी तथा भारतीयता से परिपूर्ण साहित्य की प्रबल समर्थक थीं। वह अपनी सकरात्मक साहित्यिक चर्चाओं के लिए सदैव स्मरणीय रहें, इसी पक्ष को ध्यान में रखते हुए ‘महिला श्री साहित्य साधना सम्मान ’ की शुरुआत की गई।

दूसरे सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। इसमें अनवार अब्बास, रवि मिश्र, पंडित राकेश मालवीय मुस्कान, डाक्टर भगवान प्रसाद उपाध्याय, शम्भूनाथ श्रीवास्तव, डाक्टर रामलखन चौरसिया, रंजन पाण्डेय, मुक्तक सम्राट रामकैलाश पाल प्रयागी, संजय सक्सेना, रचना सक्सेना, सरिता मिश्र, फरमूद इलाहाबादी, डाक्टर प्रदीप चित्रांशी, रामवीर पथिक, अभिषेक केसरवानी रवि, अशोक कुमुद, शरत श्रीवास्तव, एम एस खान, सेलाल खान, आदि ने काव्य पाठ किया व कार्यक्रम का संचालन डाक्टर प्रदीप चित्रांशी ने किया।

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