नगर पंचायत में फर्जीवाड़े की जांच अधर में लटकी
जांच कमेटी को नहीं दिखाया रिकार्ड,चेयरमैन के घर बताया नगर पंचायत कर्मचारियों का रिकॉर्ड

औरंगाबाद (बुलंदशहर )नगर पंचायत में 13 कर्मचारियों की फर्जी तैनाती और वेतन डकार लिए जाने की सभासदों की शिकायत पर शुरू हुई जांच अधर में लटक गई। नगर पंचायत के सर्वेसर्वा बने दागी लिपिक नेमपाल सिंह ने जांच कमेटी के सदस्यों को कर्मचारियों का रिकॉर्ड ही उपलब्ध नहीं कराया। उसने रिकॉर्ड चेयरमैन के घर पर होने की बात कहते हुए रिकॉर्ड दिखाने में हाथ खड़े कर दिए। जांच कमेटी के सदस्यों ने मामले की जानकारी अधिशासी अधिकारी को दिए जाने की बात कही है।
नगर पंचायत के निर्वाचित आधा दर्जन सदस्यों ने नगर पंचायत औरंगाबाद में तेरह लोगों की फर्जी नियुक्ति दर्शाकर उनके नाम पर बिना कोई काम कराये हर महीने लाखों रुपए वेतन हड़प कर लिये जाने का आरोप लगाते हुए अधिशासी अधिकारी से लिखित शिकायत की थी। अधिशासी अधिकारी सेवा राम राजभर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच करने हेतु तीन सदस्यीय जांच समिति बना कर जांच आख्या मांगी थी।
जांच कमेटी में शामिल विजय सिंह और किशोरी लाल ने शुक्रवार को शिक़ायत कर्ताओं को नगर पंचायत कार्यालय में जांच पड़ताल में सहयोग करने हेतु आमंत्रित किया। शिकायत कर्ता सभासद शुक्रवार को नगर पंचायत कार्यालय पहुंचे। बताया कि जांच अधिकारियों ने नगर पंचायत का तमाम काम संभाल रहे बाबू नेमपाल सिंह से कर्मचारियों का रिकॉर्ड जांच हेतु मांगा। लेकिन लिपिक नेमपाल सिंह ने यह कह कर रिकार्ड दिखाने में असमर्थता जता दी कि समस्त रिकार्ड चेयरमैन के घर पर मौजूद है। जिसको रिकार्ड देखना है चेयरमैन के घर चला जाये।
जांच कमेटी सदस्यों ने रिकार्ड कार्यालय में ही दिखाने की बात कही। और जांच स्थगित कर दी। सभासदों ने और जांच कमेटी सदस्यों ने मामले से अधिशासी अधिकारी को अवगत कराना चाहा लेकिन उन्होने किसी का भी फोन रिसीव नहीं किया। अधिशासी अधिकारी सेवा राम राजभर ने बताया है कि रिकार्ड नहीं दिखाये जाने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। पता करने के बाद ही इस विषय में कुछ कहा जा सकता है।
रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल