ग्रेटर नोएडा

समृद्ध भारतीय ज्ञान परंपरा की विरासत को आगे बढ़ाने की जरूरत- प्रो. धनंजय सिंह

वैज्ञानिक सोंच और संतुलन से परिपूर्ण है भारतीय ज्ञान परंपरा- प्रो. राणा प्रताप सिंह

ग्रेटर नोएडा:गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कन्वेंशन सेंटर में भारतीय ज्ञान परंपरा” पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की आधिष्ठाता प्रो. बंदना पाण्डेय के सफल नेतृत्व में किया गया। इस कार्यक्रम में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) के सचिव प्रो. धनंजय सिंह मुख्य वक्ता एवं अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने किया ।

भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) के सचिव प्रो. धनंजय सिंह ने अपने व्याख्यान में कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था को औपनिवेशीकरण की मानसिकता से मुक्त होकर अब अपनी समृद्ध भारतीय ज्ञान परंपरा की विरासत को आगे बढ़ाने की जरूरत है। चूंकि आजादी के बाद 70 वर्षों तक इस क्षेत्र में कार्य नहीं के बराबर हुआ है पर अब हमें अपनी सोचने का तरीका बदलने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि कौटिल्य ने उस समय सुनियोजित ग्राम की बात की थी, जब पूरे संसार में ऐसी अवधारणा नहीं थी, सोचिए हमारी ज्ञान परंपरा कितनी समृद्ध और प्राचीन है ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में जहां अव्यक्त-अभिव्यक्त और महाभूत-पंचमहाभूत की चर्चा होती है जिसका स्पष्ट संबंध विज्ञान के एटम और मौलिक्यूल्स के साथ है, वहीं जब हम प्रकृति की बात करते है तो उससे हमें संतुलन का ज्ञान प्राप्त होता है और बिना संतुलन के किसी वैज्ञानिक सिद्धांत की प्रमाणिकता साबित नहीं की जा सकती है।

अपने स्वागत वक्तव्य में मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की आधिष्ठाता प्रो. बंदना पाण्डेय ने कहा कि यदि आपके पास ज्ञान है तो किसी और चीज की आवश्यकता नहीं है। वहीं यदि सारा ज्ञान हमें प्राप्त भी हो जाता है तब भी यदि किसी और ज्ञान के मार्ग को खोजने की आवश्यकता है तो वह मार्ग हमें ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ में ही मिल सकता है अन्य कहीं भी नहीं ।

इस कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति प्रो राणा प्रताप सिंह, डीन प्रो. बंदना पांडेय और मुख्य अतिथि प्रो. धनंजय सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुई। कार्यक्रम का संचालन डॉ मंजरी सुमन और धन्यवाद ज्ञापन हिंदू स्टडी के विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार मिश्र ने किया। इस अवसर पर भारी संख्या में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, फैकल्टी सदस्य, शोधार्थी और छात्र-छात्राएं शामिल थे।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!